Ranchi : प्रकृति पर्व सरहुल की तैयारी जोर-सोर से चल रही है. हर बार की तरह इस बार भी सरहुल की शोभायात्रा भव्य रूप से निकाली जायेगी, जिसमें पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ सिरमटोली फ्लाईओवर पर बने रैंप को हटाने को लेकर आदिवासी समाज विरोध दर्ज करायेगा .
इस संबंध में महिला अध्यक्ष निरंजना हेरेंज ने बताया कि जय आदिवासी केंद्रीय परिषद द्वारा एक अप्रैल को विशाल शोभायात्रा निकाली जायेगी. यह नगड़ा टोली सरना स्थल से शुरू होकर कचहरी, अल्बर्ट एक्का चौक, मेन रोड होते हुए सिरमटोली सरना स्थल पहुंचेगी.
शोभायात्रा में संस्कृति और परंपरा की झलकियां देखने को मिलेगी. इस दौरान पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पूरे क्षेत्र में गूंजेगी. साथ ही इस बार शोभायात्रा के दौरान फ्लैग मार्च के माध्यम से राज्य सरकार के प्रति नाराजगी भी जतायी जायेगी.
वहीं, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलु मुंडा ने कहा कि सिरमटोली फ्लाईओवर पर बने रैंप को हटाये जाने की मांग के विरोध में भी शोभायात्रा निकाली जायेगी.
इस बार शोभायात्रा में गेतल सुद से 25 विशेष दल पारंपरिक वाद्ययंत्र और वेशभूषा में शामिल होंगे. शोभायात्रा चडरी अखड़ा से दोपहर 3 बजे निकलेगी, जिसके बाद अल्बर्ट एक्का चौक पर भव्य मंच से सरना धर्मावलंबियों को सरहुल पर्व का संदेश दिया जायेगा.
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि सरहुल पर्व सिर्फ प्रकृति पूजा का त्योहार ही नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, एकजुटता और परंपराओं का प्रतीक है. यह विरोध करने का दिन नहीं है.
आदिवासी धर्मावलंबी अपने-अपने घरों में लगायें सरना झंडा
पाहन महासंघ के अनुसार, हर मौजा में पारंपरिक पूजा-पाठ का आयोजन होगा. 31 मार्च को सभी मौजा के पाहन उपवास रखेंगे और रात 7 बजे नगड़ा टोली के सरना धर्मावलंबी हातमा तालाब से पानी लाने की परंपरा निभायेंगे. आदिवासी धर्मावलंबियों को अपने घरों के आंगन में सरना झंडा लगाने का संदेश दिया गया है. एक अप्रैल को सरहुल शोभायात्रा निकाली जाएगी.