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20 माह में 912 करोड़ की लागत से 7 से अधिक जिलों में ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन का शुभारंभ, DVC पर 70 % निर्भरता कम

Ranchi  :  झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के एवज में दामोदर घाटी निगम लगातार बिजली कटौती कर रहा है. वहीं राज्य के आरबीआई खाते से भी लगातार कटौती हो रही है. यह स्थिति तब बन रही है, जब हेमंत कैबिनेट में पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय हुए त्रिपक्षीय समझौते से हटने का फैसला हो चुका है. फिर भी कटौती जारी है. इसे देख मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार द्वारा पिछले 20 माह में राज्य के 7 से अधिक जिलों में ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनों की दिशा में काम किया गया है. करीब 912 करोड़ की लागत से 8 - 8 ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन का करीब 20 माह में (1 अप्रैल 2020 से 15 नवंबर 2021) उद्घाटन किया गया है. राज्य सरकार का दावा है कि इससे डीवीसी पर करीब 70 प्रतिशत की निर्भरता कम हुई है. बता दें कि डीवीसी के बकाया भुगतान के लिए झारखंड सरकार के आरबीआई खाते से अब तक 3 बार कटौती हो चुकी है. अक्टूबर 2020 में 1417.50 करोड़ की कटौती हुई थी. उसके बाद 2 बार 714 करोड़ की कटौती की गई थी. इसे भी पढ़ें –  झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-ats-action-another-accused-of-gang-supplying-arms-to-naxalites-arrested/">झारखंड

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जानियें, किन-किन जिलों में हुई है ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन की दिशा में पहल

पिछले 20 माह में राज्य सरकार ने देवघर, गिरिडीह, गढ़वा, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, चतरा, हजारीबाग, गोड्डा जिलों के प्रखंडों में बिजली आपूर्ति की दिशा में काम किया है. 10 अगस्त 2020 को देवघर और गिरीडीह जिला के आसपास के क्षेत्र, जमुआ और सरिया प्रखंड, गढवा और पलामू जिला में ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइन बनायी गयी है. 29 दिसंबर 2020 को पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा प्रखंड, 6 सितंबर 2021 को गढ़वा के मेराल प्रखंड, 1 अक्टूबर को चतरा जिला के इटखोरी, गिद्दा, मयूरगंज, हंटरगंज, हजारीबाग के बरही प्रखंड में ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइन का शुभारंभ किया गया है.

त्रिपक्षीय समझौते से हटने का कैबिनेट में हुए था फैसला

बता दें कि 6 जनवरी 2021 को हेमंत कैबिनेट में पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में बिजली की बकाया राशि की वसूली को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, आरबीआई और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते से खुद को अलग करने का फैसला हुआ था. स्वयं सीएम हेमंत सोरेन इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व में जो समझौता हुआ था, वो राज्यहित में नहीं था. उससे राज्य के गरीब, आदिवासी, पिछड़े, छात्रों, बुजुर्गों का हक मारा जा रहा था. इसे भी पढ़ें – 1">https://lagatar.in/the-conversation-between-the-agitating-students-and-the-secretary-lasted-for-1-hour-will-meet-amitabh-chaudhary-on-november-23/">1

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राज्यहित में मुख्यमंत्री ने विपक्ष से मांगा था साथ, पर नहीं हुई कोई पहल

इतना ही नहीं, राज्यवासियों के हित में मुख्यमंत्री ने विधानसभा बजट सत्र - 2021 में कहा था कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से राज्य त्रस्त है. इसके खिलाफ झारखंड में कड़ी कार्रवाई के लिए विपक्ष की सहमति जरूरी है. यदि विपक्ष साथ दे तो डीवीसी पर नकेल कसने के लिये कदम उठाया जायेगा. हालांकि विपक्ष की तरफ से इस पर कोई पहल नहीं हुई थी. इसे भी पढ़ें – सर्दियों">https://lagatar.in/the-risk-of-heart-attack-and-heart-failure-is-high-in-winter-take-special-care-of-heart-like-this/">सर्दियों

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