नवीकरणीय ऊर्जा पर देश की निर्भरता बढ़ने वाली है
संवाद में शोमुवा के सलाहकार जयनाथ तांती ने कहा कि जीवाश्म ईंधन का युग अब समाप्त होने वाला है. नवीकरणीय ऊर्जा पर देश की निर्भरता बढ़ने वाली है. आइआइटी कानपुर के लखनऊ संवाद से लौटे समाजसेवी सुबोध सिंह पवार ने कहा कि ग्लासगो में हुए कोप-26 के शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत 2050 तक कोयले का उत्पादन आधा कम करेगा. उसके बाद कोयले की खपत और कम करते हुए 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य को प्राप्त करेगा. इससे जाहिर है कि कोयले की खपत कम किए जाने से देश की आर्थिक संरचना को आघात लगेगा. यह समस्या खड़ी होगी कि सामाजिक व आर्थिक संरचना का न्यायसंगत कायांतरण कैसे हो? पवार ने कहा कि सरकारी पहल से संभव नहीं है. इसके लिए झारखंड सहित सभी प्रदेशों के स्टेक होल्डरों की राय जानकर नीति बनाई जाए. कोयला उद्योग नवीकरणीय ऊर्जा लिमिटेड का गठन कर क्लीन ऊर्जा को सामाजिक व आर्थिक संरचना से जोड़ने की प्रक्रिया बीसीसीएल ने शुरू कर दी है. हम ऊर्जा संक्रमण के बारे में सोचें और ऐसी व्यवस्था बनाने पर जोर दें जिससे नवीकरणीय ऊर्जा का स्वामित्व पंचायत, सहकारी संस्थाओं और कारखानों के पास हो न कि बड़े पूंजीपतियों के पास. संवाद के अंतिम सत्र में मज़दूर नेता वीरेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि हम ऊर्जा कायांतरण की प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराएं. शोमुवा के अध्यक्ष मुन्ना सिंह और अविनाश सिन्हा ने कहा कि हमने प्रकृति प्रदत्त जीवाश्म ईंधन पैदा कर अपनी जरूरतें पूरी की. समय बीतने के साथ हमने प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं का इस कदर दोहन किया कि भयानक जलवायु परिवर्तन का दंश दुनिया झेल रही है. दुनिया जलवायु परिवर्तन का दंश झेल रही है संवाद में भारतीय मजदूर संघ के दिलीप मारिक, शोमुवा के महामंत्री शिबू चक्रवर्ती, श्याम मुंडा, समाजसेवी अजय झा, आरसीएम एस की किशोरी शर्मा, सत्यनारायण सिंह, राकेश नायक, राजेश पासवान, सुरेश त्रिपाठी समेत अन्य लोगों ने भाग लिया. यह भी पढ़ें : इनमोसा">https://lagatar.in/a-warm-welcome-to-the-national-working-president-of-inmosa/">इनमोसाके राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का गर्मजोशी से स्वागत [wpse_comments_template]

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