-छह महीने-एक साल पहले बनी योजना, अभी ही पानी आना हुआ बंद, कैसे चलेगी आगे यह योजना
-रांची ग्रामीण क्षेत्र में 800 करोड़ से अधिक की योजना, अब तक 300 करोड़ से अधिक हो चुके हैं खर्च
Ground Report: Kaushal Anand
Ranchi:केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी हर-घर, नल-जल योजना पर काम अभी रांची और झारखंड में जारी है. मगर ग्राउंड पर जाने के बाद यह पता चलता है कि यह योजना पूरी होने के पूर्व ही दम तोड़ने लगी है. गर्मी में सबसे अधिक पानी की जरूरत है. उसी समय यह योजना सफेद हाथी साबित हो रहा है. रांची में योजना का हाल जानने शुभम संदेश पहुंची कांके प्रखंड के विभिन्न गांवों में. गांव में जो योजना पूरी हो चुकी है. उसका हाल जाना, ग्रामीणों से बात की. तब पता चला कि इस योजना का हाल बहुत खराब है.
केस स्टडी 1-कांके प्रखंड अंतर्गत बाढ़ू पंचायत का जमुवारी गांव
योजना का नाम : जल जीवन मिशन अंतर्गत हर-घर, नल-जल योजना,एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना, 4 इंच बोरिंग कराकर ओवर हेड टंकी बनाकर पाइप लाइन से पानी पहुंचाना.
पानी टंकी क्षमता : 800 लीटर
परिवार कभर- 30
कब बनी : एक साल पहले
वर्तमान स्थिति : मई से ही खराब, एक बूंद पानी ग्रामीणों नहीं मिल रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण : महजर अंसारी, कासिम अंसरी और रेशमा खातून ने बताया कि मोटर खराब है, बोरिंग भी फेल है. जब हमलोग कांटेक्ट्रर को फोन करते हैं तो कहते हैं कि अब हम काम छोड़ दिए हैं. एक बूंद पानी नहीं है, हमलोग किससे शिकायत करें समझ नहीं आता है.
केस स्टडी 2-कांके प्रखंड राड़हा पंचायत का मदनपुर गांव
योजना का नाम : जल जीवन मिशन अंतर्गत हर-घर, नल-जल योजना,एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना, 4 इंच बोरिंग कराकर ओवर हेड टंकी बनाकर पाइप लाइन से पानी पहुंचाना.
पानी टंकी क्षमता : 800 लीटर
परिवार कभर-22
कब बनी : एक साल पहले
वर्तमान स्थिति : मार्च से ही खराब. एक बूंद पानी ग्रामीणों नहीं मिल रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण : संजीत मुंडा, शीला देवी और फुलो देवी ने बताया कि जबसे से टंकी लगी है एक दिन चला ही नहीं. कभी बताया जाता है कि मोटर खराब है, कभी कहा जाता है बोरिंग खराब है. गर्मी में पानी नहीं मिल रहा है.
केस स्टडी 3- कांके प्रखंड राड़हा पंचायत का सरना स्थल टोला
योजना का नाम : जल जीवन मिशन अंतर्गत हर-घर, नल-जल योजना,एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना, 4 इंच बोरिंग कराकर ओवर हेड टंकी बनाकर पाइप लाइन से पानी पहुंचाना.
पानी टंकी क्षमता : 1200 लीटर
परिवार कभर-23
कब बनी : एक साल पहले
वर्तमान स्थिति : योजना संचालित. दो-चार घर को छोड़कर किसी घर पानी नहीं जाता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण : राजकिशोर मुंडा ने बताया कि पानी निकलता है. चंचल देवी वार्ड सदस्य हैं. उसका पति रमकिशोर उरांव अपने बगान में पानी पटाता है. दो चार घर में ही पानी आता है. वार्ड सदस्य और उसके लोगों का ही पानी पर कब्जा है.
रांची में पूरी योजना पर एक नजर
कितने घर नल से जल पहुंचाना का लक्ष्य : 4,46,656 लाख
अब तक कितने घर तक पहुंचा : 1,96,022 लाख
कुल कितने की योजना : करीब 800 करोड़ करीब
अब तक कुल खर्च या निकासी : 300 करोड़ करीब
केंद्रांश 60 और राज्यांश 40 प्रतिशत