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ग्राउंड रिपोर्ट : पद, अधिकार और वेतन को लेकर बिफरे पंचायत समिति सदस्य

कार्यकाल के पूरे हुए साल, न प्रशिक्षण मिला, न दायित्व कहां करना है हस्ताक्षर नहीं है मालूम Pramod Upadhyay Hazaribagh : हजारीबाग में पंचायत समिति सदस्यों में व्यवस्था के प्रति भारी नाराजगी है. पद, अधिकार और वेतन को लेकर सदस्य बिफरे हुए हैं. उनका कहना है कि कार्यकाल के सालभर पूरे हो चुके है, लेकिन अब तक न उन्हें प्रशिक्षण मिला और न किसी प्रकार का दायित्व सौंपा गया. यहां तक कि कहां उनका हस्ताक्षर होना है, यह भी उन्हें पता नहीं है. उन्हें सबसे अधिक तकलीफ इस बात की है कि पंचायतों में ही चुने गए मुखिया को पद, अधिकार और वेतन सबकुछ दिया जा रहा है. लेकिन झारखंड सरकार पंचायत समिति सदस्यों को अब तक नजरअंदाज करती रही है. इसके लिए अब उनके अंदर आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. ‘शुभम संदेश’ ने इस संबंध में कई पंचायत समिति के सदस्यों से बात की, तो व्यवस्था के प्रति उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ गई.

सौतेला व्यवहार कर रही है सरकार : विजय मधेशिया 

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alt="विजय मधेशिया " width="150" height="150" />इस संबंध में चौपारण प्रखंड के पंचायत समिति सदस्य विजय मधेशिया ने कहा कि सरकार पंचायत समिति सदस्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. 13 माह बीत जाने के बाद भी आज तक न कोई फंड मिला और न ही किसी प्रकार का दायित्व सौंपा गया. यहां तक कि पंचायत समिति सदस्यों को यह भी पता नहीं है कि उनका अधिकार क्या है और वह क्या काम करेंगे.

प्रशिक्षण मिलता तो अधिकार और दायित्वों की मिलती जानकारी : रीतेश ठाकुर

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alt="रीतेश ठाकुर" width="150" height="150" />बड़कागांव मध्य पंचायत समिति सदस्य रितेश ठाकुर ने कहा कि उन लोगों का पद मुखिया से बड़ा है या छोटा, यह जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. अगर उनका पद बड़ा है, तो मुखिया को ढाई हजार वेतन और उन लोगों का 1000 रुपए मासिक मानदेय क्यों तय किया गया. हालांकि अब तक कोई वेतन या मानदेय नहीं मिला है. हजारीबाग">https://lagatar.in/category/jharkhand/north-chotanagpur-division/hazaribagh/">हजारीबाग

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पद और पावर की स्थिति भी स्पष्ट होनी चाहिए : बाबूलाल यादव

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alt="बाबूलाल यादव" width="150" height="150" />  चलकुशा के पंचायत समिति सदस्य बाबूलाल यादव का कहना है कि पद और पावर की स्थिति भी स्पष्ट होनी चाहिए. इस संबंध में उन्होंने कहा कि आखिर चुनाव के वक्त पंचायत समिति सदस्यों का नामांकन फॉर्म जिले के एसडीओ कार्यालय में क्यों जमा हुआ था और मुखिया का प्रखंड कार्यालय में. ऐसे में स्पष्ट है कि पंचायत समिति सदस्य का पद मुखिया से ऊपर है. फिर मानदेय तय करने में पंचायत समिति सदस्यों को मुखिया से कम क्यों रखा गया.

हमें सरपंच का पद दे सरकार : ब्रजेश सिंह

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alt="ब्रजेश सिंह" width="150" height="150" />सदर प्रखंड के पंचायत समिति सदस्य ब्रजेश सिंह ने कहा कि बिहार की तर्ज पर उनलोगों को सरपंच का पद मिलना चाहिए. ऐसे में उनके पद की गरिमा भी रह जाएगी और दायित्वबोध भी होगा. सरकार ने उन लोगों को जल्द अधिकार नहीं दिया, तो आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

जिले के करीब 200 पंचायत समिति सदस्यों ने दी आंदोलन की चेतावनी

हजारीबाग जिले के करीब 200 पंचायत समिति सदस्यों ने जिला स्तरीय बैठक कर हक के लिए आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इस संबंध में अंतिम रणनीति अगले सप्ताह बैठक कर बनाएंगे. सदर प्रखंड के पंचायत समिति सदस्य ब्रजेश सिंह और बड़कागांव मध्य पंचायत समिति सदस्य रितेश ठाकुर ने कहा कि मुखिया से उनलोगों का वेतन अधिक होना चाहिए. उन्हें प्रशिक्षण मिलना चाहिए. प्रखंड कार्यालय में अधिकारी पंचायत समिति सदस्यों को तरजीह नहीं देते हैं. ऐसे में उनकी मनमानी नहीं चलने दी जाएगी. जिला स्तरीय पंचायत समिति सदस्यों की कमेटी भी बनेगी. पंचायत समिति सदस्यों को अधिकार नहीं मिला, तो जिले से लेकर राज्य तक धरना-प्रदर्शन करेंगे. सड़क से लेकर विधानसभा गेट तक आंदोलन करेंगे.

इन्होंने की आवाज बुलंद

कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह ने पंचायत समिति सदस्यों की मांगों को जायज बताते हुए उनका समर्थन किया है. आंदोलन की हुंकार भरनेवाले पंचायत समिति सदस्यों में महेंद्र पांडे, रंजीत चौबे, कृष्णा रविदास, मुनेश्वर गंझू, रवि कुमार राम, सुरेश महतो, आशा देवी, भुनेश्वर तुरी, काजल कुमारी, यूसुफ अंसारी, शंकर कुमार साव, बाबूलाल यादव, मोहम्मद अतहर हुसैन, राजकुमार गिरी, घनश्याम पाठक, बहराम हासदा, उपेंद्र कुमार प्रसाद आदि शामिल हैं.

दोनों ही पंचायती राज व्यवस्था के अभिन्न अंग : अमिताभ कुमार

सदर प्रखंड के पूर्व बीडीओ अमिताभ कुमार ने पूछे जाने पर कहा कि मुखिया और पंचायत समिति सदस्य दोनों ही पंचायती राज व्यवस्था के अभिन्न अंग हैं. फिलहाल योजनाओं में मुखिया को कुछ शक्ति प्रदान की गई है. पंचायत समिति सदस्य की भी अपनी भूमिका है. दोनों के पदों का तुलना नहीं की जा सकती. अपने-अपने दायित्वों में दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान है.

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