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GST काउंसिल की बैठकः झारखंड को हर साल 2,000 करोड़ दे केंद्र- वित्त मंत्री

Ranchi : वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि झारखंड को हर साल कम से कम 2,000 करोड़ रुपये गारंटी के तौर पर दिए जाएं. यह राशि तब तक मिले, जब तक राज्य की आय मजबूत न हो जाए. साथ ही उन्होंने जीएसटी दरों को संतुलित करने, विलासिता और सिगरेट-शराब जैसे उत्पादों पर अतिरिक्त कर लगाने और सभी राज्यों के लिए एक मजबूत राजस्व संरक्षण ढांचा तैयार करने की अनुशंसा की.

 वित्त मंत्री दिल्ली में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में शिरकत कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी की संशोधित नीति से राज्य को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है. नई व्यवस्था से ऑटोमोबाइल, सीमेंट और अन्य उत्पादन क्षेत्रों में करीब दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

झारखंड को 16,408 करोड़ का नुकसान

झारखंड एक उत्पादन आधारित राज्य है, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से इसे लगातार घाटा उठाना पड़ा है. 2017 से 2024-25 तक झारखंड को करीब 16,408 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और 2029 तक यह घाटा 61,670 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. राज्य में कोयला और स्टील का 75 से 80 प्रतिशत उत्पादन बाहर खपता है. इसका फायदा उपभोक्ता राज्यों को हो रहा है, जबकि झारखंड को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

फैक्ट फाइल

- जीएसटी नीति से झारखंड को 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान
- 2017 से 2024-25 तक झारखंड को 16,408 करोड़ रुपये का नुकसान
- 2029 तक झारखंड का घाटा 61,670 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है
- कोयला और स्टील का 75 से 80 प्रतिशत उत्पादन बाहर खपता है
- वित्त मंत्री की मांग: झारखंड को हर साल 2,000 करोड़ रुपये गारंटी के तौर पर दिए जाएं


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