Shailesh Singh Kiriburu: सारंडा के गांवों में 24-25 फरवरी की मध्य रात्रि लगभग 12 बजे से प्रारम्भ हुई भारी ओला वृष्टि, आंधी, वर्षा रूपी प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाते हुए न सिर्फ गरीबों के आशियाना को उजाड़ दिया, बल्कि उनके द्वारा खेतों में लगाये गये तमाम प्रकार के साग-सब्जियों को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया. यह तबाही का मंजर सबसे ज्यादा गुवा थाना अन्तर्गत गंगदा पंचायत के रोवाम गांव में बरपा है. रोवाम गांव का तमाम घरों की सीट, टाली व खपडा़ वाली छतों को भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि सारंडा के तमाम गांवों व शहरों में वर्षा व ओला वृष्टि हुई है. लेकिन अन्य गांवों में इसका असर कम रहने से वहां नुकसान कम हुआ है. हालात सामान्य होने के बाद ग्रामीण अपने उजडे़ और बर्बाद आशियाना को फिर से बसाने व ठीक करने के कार्य में लगे हैं. पिछले वर्ष इसी तरह सारंडा के छोटानागरा पंचायत अन्तर्गत धर्मरगुटू, बढुईया, दुबिल आदि गांवों में भारी ओला वृष्टि हुई थी, जिसमें सैकड़ों लोगों के घर टूटे थे, और ग्रामीण पूरे परिवार के साथ स्कूल में कई दिनों तक सोने को मजबूर हुए थे.
गांव के 52 में से 42 लोगों के घरों की छत टूटी
रोवाम के मुंडा बुधराम सिधू ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी ओला वृष्टि पहली बार देखी है. गांव में 52 परिवार रहते हैं जिसमें से लगभग 42 लोगों के घर की छत टूट गई है. रात 12 बजे से लगभग 1-2 किलो वजन के बडे़-बडे़ बर्फ गिरकर घरों के सीट व टाली को तोड़ घर के अंदर घुस रहे थे जिससे भारी भय का वातावरण बना हुआ था. इससे रोवाम गांव के तमाम लोगों के घर का खपडा़, टाली, एस्बेस्टस सीट, वाहन क्षतिग्रस्त हो गये. दर्जनों मुर्गी, बतख आदि पालतू एंव जंगली जानवरों तथा पक्षियों की मौत हो गई है.
रोवाम के ग्रामीणों के घरों के टूटे सीट, खपडा, टाली

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सरकार से आर्थिक मदद की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में लगी विभिन्न प्रकार की सब्जियों आदि को भारी नुकसान पहुंचा है. पेड़-पौधों के पत्ते टूटकर जमीन पर बिखरे पडे़ हैं. घरों के अंदर रखे तमाम समान वर्षा की पानी से भींग गये, रात भर हमलोग सो नहीं पाये. हम ग्रामीण पहले से हीं कोरोना की वजह से बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं तथा इस महामारी के दौरान प्रकृति का यह मार हम सभी गरीबों को अंदर से तोड़ दिया है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार हम ग्रामीणों को तत्काल घर के छत पर डालने के लिये एस्बेस्टस, टाली आदि के साथ अन्य आर्थिक मदद व सहायता उपलब्ध कराये अन्यथा हमलोग घर रहते हुये छत के बिना वर्षा में भिंगने को विवश होंगे.
इनके घरों को पहुंचा नुकसान
रोवाम में जिस घरों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है उसमें मुंडा बुधराम सिधू, लखिन्द्र गोप, रामो सिधू, जोगी गोप, बिरुवा सिधू, जोगेन गोप, लूचन गोप, बाबूलाल गोप, विजय कुमार सिधू, डोलो सिधू, राम पूर्ति, चुमानू सिधू, गोमा सिधू, मुंगडू़ गोप, रवीन्द्र गोप, घनश्याम गोप, अशोक गोप, जगदीश पूर्ति, रोईदास गोप, बिरंची गोप, मेघराय सिधू, जगन्नाथ गोप, संतोष गोप, गणेश गोप, बैरागी गोप, मोरा सिधू, मुरली गोप आदि दर्जनों ग्रामीणों के घर की छत टूट गई है.
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