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नक्सल मुक्त गुड़ाबांदा को जकड़ रही हैं समस्याएं, लोग परेशान

Chakulia : पूर्वी सिंहभूम जिला का ओडिशा सीमा से सटा गुड़ाबांदा प्रखंड नक्सलवाद से तो मुक्त हो गया, लेकिन समस्याओं से नहीं. जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों की उपेक्षा से इस पिछड़े प्रखंड में समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. अब इसे समस्याओं ने जकड़ लिया है. बुनियादी सुविधाओं के लिए भी यहां की जनता तरस रही है. प्रखंड का सिंहपुरा गांव इसका ज्वलंत उदाहरण है. यहां स्थापित सौर ऊर्जा संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजना पिछले एक साल से सफेद हाथी साबित हो रही है. चापाकल भी पानी देने में नाकाम हो गए हैं. ऐसे लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. लोग दूसरे के निजी जल स्रोत से पानी लेने के लिए मजबूर हैं. हाट परिसर में लगी हाई मास्ट लाइट कई साल से खराब पड़ी है. हाट परिसर में भी पेयजल का घोर संकट है. हाट परिसर में तत्कालीन विधायक लक्ष्मण टुडू की विधायक निधि से वर्ष 2016-17 में हाई मास्ट लाइट लगाई गई थी. यह लाइट कई साल से खराब पड़ी है और इसकी मरम्मत नहीं हो रही है. [caption id="attachment_233883" align="aligncenter" width="207"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/GUDABANDA-HIGH-MAST-LIGHT-1-207x300.jpg"

alt="" width="207" height="300" /> खराब पड़ा हाई मास्ट लाइट.[/caption] इसे भी पढ़ें : चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-cashew-trees-started-laden-with-flowers-saving-them-from-fire-is-a-big-challenge-for-the-forest-department/">चाकुलिया

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जलापूर्ति योजना बंद पड़ी है

हाट परिसर में स्थापित जलापूर्ति योजना बंद पड़ी है. इस योजना से ग्रामीणों को पेयजल नहीं मिल रहा है. यहां के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, परंतु कोई पहल नहीं हो रही है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. विदित हो कि सिंहपुरा इस प्रखंड का एक प्रमुख स्थल है. इस मसले पर घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि वे गुरुवार को सिंहपुरा जाएंगे. बंद पड़ी जलापूर्ति योजना को चालू करवाने और चापाकलों की मरम्मत की दिशा में शीघ्र पहल की जाएगी. [wpse_comments_template]

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