- गुइलेन-बैरे सिंड्रोम : रांची में दो साल के बच्चे में दिखे लक्षण
- रानी अस्पताल में इलाज जारी
Ranchi : रांची के रानी अस्पताल में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का तीसरा संदिग्ध भर्ती हुआ है. यह बच्चा केवल दो साल का है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. उसका इलाज जारी है.
हालत में सुधार, लेकिन अभी भी खतरा
बता दें कि इससे पहले भी दो बच्चों में भी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण मिले थे. सात साल की बच्ची रिम्स में और साढ़े पांच साल की बच्ची बालपन अस्पताल में भर्ती है. दोनों बच्चों की सेहत में पहले से सुधार देखा गया है. लेकिन दोनों बच्चों के हाथ-पैर में अभी भी कमजोरी है. डॉक्टरों का कहना है कि सुधार में थोड़ा समय लगेगा, खासकर उन बच्चों की स्थिति में जिनकी हालत गंभीर है.
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण और इलाज
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण वायरल से मिलते-जुलते होते हैं. जैसे बुखार, हाथ-पैर में कमजोरी, डायरिया के बाद कमजोरी और सांस लेने में दिक्कत. डॉक्टरों का कहना है कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से प्रभावित अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ में हल्की कमजोरी कुछ दिनों तक बनी रह सकती है.
रिम्स पूरी तरह से तैयार
रिम्स के निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के इलाज और जांच के लिए रिम्स पूरी तरह से तैयार है. यहां इस बीमारी के लिए विशेष बेड की व्यवस्था की गयी है और लैब में जांच की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.