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गुमलाः पुलिस ने आरोपी के बदले दामाद को 18 घंटे पीटा, चैनपुर थानेदार सस्पेंड

अस्पताल में इलाजरत घायल युवक.

 पैरों में प्लेट लगी होने पर भी नहीं रुके थानेदार, हाईकोर्ट ने एसपी को बुलाया


Gumla : गुमला जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में कानून के रखवालों द्वारा बर्बरता की रोंगटे खड़े कर देने वाली एक घटना सामने आई है. पुलिस पर निर्दोष, गरीब युवक कयूम चौधरी को 18 घंटे तक हाजत में बंद रखकर निर्ममता से पीटने का आरोप लगा है. युवक की हालत गंभीर है और वह रांची के पारस अस्पताल में इलाजरत है.

पीड़ित कयूम चौधरी मूल रूप से भरनो थाना क्षेत्र का निवासी है. चैनपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार 1 दिसंबर की शाम उसे उसके घर से उठाकर लाए थे. युवक को बिना किसी आरोप या नोटिस के हाजत में बंद कर दिया गया और पूरी रात लाठियों से पीटा गया. सबसे शर्मनाक यह है कि कुछ महीने पहले ही सड़क दुर्घटना के बाद कयूम के पैरों में लोहे की प्लेटें लगी हुई हैं. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से इन्हीं प्लेट लगे पैरों को निशाना बनाकर लाठियां बरसाईं.


प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि कयूम दर्द से चीखता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी उसकी चीखों पर हंसते रहे और तब तक पिटाई की जब तक वह लगभग अधमरा नहीं हो गया. पुलिस की इस कार्रवाई के पीछे का कारण बताया जा रहा है कि कयूम के ससुर एक मामले में आरोपी हैं.  पुलिस उन्हें पकड़ने में विफल रही है. इसी खुन्नस में निर्दोष दामाद को निशाना बनाया गया. मारपीट के बाद पुलिस ने कयूम पर दबाव डालकर एक सादे कागज पर जबरन यह लिखवाकर हस्ताक्षर भी करा लिया कि पुलिस ने उसे नहीं पीटा.

हाईकोर्ट पहुंचा मामला, जज भी स्तब्ध

 
घायल कयूम को पहले भरनो के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर रांची के रिम्स रेफर किया गया. रांची पहुंचने के बाद, परिजन उसे लेकर झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे. मुख्य न्यायाधीश तरलोक चौहान और जस्टिस राजेश शंकर ने पीड़ित के शरीर पर ताजे घाव, सूजे हुए पैर और प्लेट लगी जगह पर चोट के निशान देखकर गहरी हैरानी जताई. पीड़ित की भाभी नफीसा बीबी ने हाईकोर्ट में पीआईएल दायर कर न्याय की गुहार लगाई है. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गुमला एसपी को चार दिसंबर को मामले का रिकॉर्ड, चैनपुर थाना के सीसीटीवी फुटेज और रिकॉर्डिंग लेकर कोर्ट में प्रस्तुत होने का निर्देश दिया.

एसपी की त्वरित कार्रवाई, थानेदार सस्पेंड

 
मामला उजागर होते ही न्यायिक और प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई. गुमला एसपी हरीश बिन जमा और एसडीपीओ ललित मीणा चैनपुर पहुंचे और पीड़ित परिवार से बातचीत कर बयान दर्ज किया.पीड़ित की पत्नी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि जिस  कयूम के ससुर की तलाश पुलिस बता रही थी, उसे थानेदार पहले दो बार पकड़ चुके थे और 20-20 हजार रुपये लेकर छोड़ दिया था.इस खुलासे के बाद एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चैनपुर थानेदार कृष्ण कुमार को तत्काल सस्पेंड कर दिया. इसके अलावा एसआई दिनेश कुमार, एएसआई नन्दकिशोर महतो और निर्मल राय को भी तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है. पुअनि राजेन्द्र मण्डल व पुअनि अरविन्द कुमार को चैनपुर थाना भेजा गया है. कोर्ट की सुनवाई का अभी इंतजार है.

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