Varanasi : वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के बंद अन्य सभी तहखानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने का आदेश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. याचिका के अनुसार तहखानों के अंदर गुप्त कोठरियां हैं और ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा सच सामने लाने के लिए उनका सर्वेक्षण करना जरूरी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने आज मंगलवार को बताया कि कार्यवाहक जिला जज अनिल कुमार (पंचम) की अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि तय की है.
Gyanvapi matter | The matter of plea filed by petitioner Rakhi Singh, relating to the opening of the remaining ‘tehkhanas’ to be heard on 15th February.
— ANI (@ANI) February 6, 2024
याचिका में बंद तहखानों का नक्शा भी शामिल किया गया है
ज्ञानवापी-श्रंगार गौरी मामले में पक्षकार एवं विश्व वैदिक सनातन संघ की सदस्य राखी सिंह के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सभी बंद तहखानों का एएसआई द्वारा सर्वेक्षण करने के आदेश देने का आग्रह किया है. याचिका में बंद तहखानों का नक्शा भी शामिल किया गया है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी
इस बीच खबर आयी है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति वाले वाराणसी की अदालत के निर्णय के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. यह आदेश अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने पारित किया. मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि 31 जनवरी, 2024 के आदेश के तहत जिला जज ने उस वाद में शुरुआती चरण में मांगी गयी अंतिम राहत प्रदान की, जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है.
यह आदेश बहुत जल्दबाजी में पारित किया गया
नकवी ने कहा कि यह आदेश बहुत जल्दबाजी में पारित किया और वह भी उस दिन जब संबंधित न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने जा रहे थे. हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि रिसीवर की नियुक्ति के लिए और साथ ही देवता की पूजा अर्चना के लिए उनके आवेदन को 17 जनवरी, 2024 को स्वीकार किया गया. उन्होंने कहा कि 17 जनवरी, 2024 को केवल रिसीवर नियुक्त करने के लिए आदेश पारित किया गया और पूजा के लिए प्रार्थना के दूसरे हिस्से पर कोई निर्णय नहीं किया गया, जिसका जिक्र 30 जनवरी, 2024 को किया गया और अदालत ने सुनवाई के लिए अगला दिन तय किया. इस क्रम में 31 जनवरी को पूजा के लिए आदेश पारित किया गया.