Ranchi: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री अधिवक्ता स्वास्थ्य योजना से प्रदेश के आधे अधिवक्ताओं को छोड़ देना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस योजना में सिर्फ 15000 वकीलों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है, जबकि प्रदेश में लगभग 30000 से ज्यादा अधिवक्ता वर्तमान में प्रैक्टिस करते हैं. प्रतुल ने कहा कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल को इस पूरी योजना से बाहर रखना भी एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल इस पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी संगठन है. स्टेट बार काउंसिल ने भी इस पर आपत्ति की है कि उसे इस योजना से बाहर रखा गया है जो कि गैरकानूनी है. प्रतुल ने कहा सरकार ने सभी नए वकीलों के लिए ₹5000 प्रति माह की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है. लेकिन यहां भी चतुराई कर दी. आधी राशि ट्रस्टी कमेटी को देना होगा. आधी राशि सरकार देगी. अगर ट्रस्टी कमेटी के पास पैसा नहीं होंगा तो उस स्थिति में राज्य सरकार क्या करेगी? राज्य सरकार को यहां भी पहल कर पूरे पैसे का भुगतान खुद करना चाहिए. भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने 9 करोड़ रुपए जमा किया. झारखंड अधिवक्ता कल्याण फंड में और 6000 रुपए प्रति अधिवक्ता का बीमा का प्रीमियम है. इस चलते कुल 15000 अधिवक्ता ही इसमें शामिल हो पाएंगे. पर राज्य में 40000 अधिवक्ता हैं तो बाकी 25000 अधिवक्ता कहां जाएंगे? इसे भी पढ़ें- गोवा">https://lagatar.in/goa-stampede-in-shirgaon-lairai-jatra-6-dead-many-injured/">गोवा
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सीएम अधिवक्ता स्वास्थ्य योजना से राज्य के आधे वकील वंचितः प्रतुल
