जिले को मिल रही 300 मेगावाट बिजली
जिले में प्रतिदिन 600 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन मिल रही है सिर्फ 300 मेगावाट . डीवीसी का कहना है कि जब तक बकाया 2200 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं हो जाता, हम कुछ नहीं कर सकते हैं .बिजली का भी हो रहा है राजनीतिकरण
बिजली की बकाया राशि को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने से ज्यादा इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर झरिया विधायक सदन में कह चुकी हैं कि केंद्र सरकार के कारण जनता को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है. राज्य में जब बीजेपी की सरकार थी, तब भी डीवीसी का बकाया था, इसके बाद भी 18 से 24 घंटे बिजली मिलती थी. लेकिन वर्तमान सरकार के 1800 करोड़ रुपये जमा करने के बाद भी बिजली कटवाई जा रही है. इससे केंद्र की मंशा साफ हो जाती है कि यह सबकुछ किसके इशारे पर हो रहा है.जेवीबीएनएल नहीं वसूल पा रहा बकाया राशि
डीवीसी के साथ - साथ झारखंंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का रवैया भी ठीक नहीं है. आईटी सेल के कार्यपालक अभियंता पंकज कुमार प्रतिदिन अभियान चलाकर बकाया राशि वसूलने की बात कहते हैं . साथ ही बिजली चोरी रोकने का भी दावा करते हैं . लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि जेवीबीएनएल के अधिकारी बड़े बकायेदारों पर हाथ डालने से कतराते हैं . 38 फीसदी अब भी ऐसे लोग हैं जिन पर बिजली का बिल बकाया है. इसमें ज्यादातर सरकारी विभाग और रसूखदार लोग शामिल हैं . बिजली कटौती को लेकर उच्च स्तरीय बातचीत जारी है. राजस्व वसूली का कार्य भी जारी है. बिजली चोरी रोकने के लिये समय -समय पर अभियान चलाया जाता है. शैलेंद्र भूषण तिवारी कार्यपालक अभियंता, बिजली विभाग यह भी पढें : चोरी">https://lagatar.in/bokaro-five-thieves-arrested-red-handed-for-theft/">चोरीके आरोप में पांच चोर रंगेहाथ गिरफ्तार [wpse_comments_template]

Leave a Comment