Saurav Kumar Shukla
Ranchi: जिले का सबसे बड़ा सदर अस्पताल और इसके जिम्मेदार अफसर पूरी तरह बेबस है. अस्पताल के नो पार्किंग जोन ही नहीं सभी प्रवेश द्वारों पर हर दिन में सैकड़ों गाड़ियां की पार्किंग देखी जा सकती है. लोग आड़ी-तिरछी गाड़िया लगा कर आने-जाने वालों के लिए भारी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं. ऐसे लोगों को कोई रोकता-टोकता भी नहीं. अस्पताल में मरीज के परिजन अक्सर इस तरह से खड़ी गाड़ियों की वजह से परेशान भी होते हैं.
सदर अस्पताल के मेन गेट (पहला गेट) पर जहां फुटपाथ दुकानदारों ने कब्जा कर लिया है. तो वहीं दूसरे गेट पर नो पार्किंग का बोर्ड और कार्रवाई की सूचना के बाद भी वाहन चालक अपनी गाड़ियों को नो पार्किंग जोन में लगा कर अपने काम में लग जाते हैं. इनमें सबसे ज्यादा स्कूल-कॉलेज के छात्रों की गाड़ियां होती हैं. छात्र पढ़ने आते हैं सेंट जेवियर कॉलेज में, और गाड़ी की पार्किंग सदर अस्पताल के गेट पर करते हैं. इस कारण सड़क पर अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है. इस रास्ते से पीसीआर भी गश्त कर अपनी ड्यूटी पुरी कर लेती है, लेकिन नो पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझती है.
अंदर के प्रवेश द्वार के बाहर भी लगाई जाती हैं गाड़ियां
यही नहीं, सदर अस्पताल के अंदर के गेट पर भी नो पार्किंग का बोर्ड तो जरूर लगा दिया गया है. सुरक्षा में तैनात जवान भी मौजूद हैं, लेकिन वे असहाय हैं. जवानों से जब पूछा गया, तो उनका कहना है कि मना करने के बाद भी लोग गाड़ी खड़ी कर चले जाते हैं. आए दिन तू-तू, मैं-मैं भी होती रहती है. जबकि अस्पताल के अंदर एक और प्रवेश द्वार है. वहां भी नो पार्किंग का बोर्ड लगाया गया है, लेकिन वहां भी दर्जनों गाड़ियां खड़ी की जाती हैं.
पार्किंग का जिम्मा सामंता सिक्योरिटी इंटेलिजेंस प्राइवेट लि. के पास
सदर अस्पताल परिसर में पार्किंग का जिम्मा सामंता सिक्योरिटी इंटेलिजेंस प्राइवेट लिमिटेड के हवाले है. प्रत्येक दो पहिया वाहन से 10 रुपया, जबकि चार पहिया वाहन से एक घंटे का 20 रुपया लिया जाता है. पैसा बचाने की नीयत से सदर अस्पताल में आने वाले मरीज भी नो पार्किंग जोन में गाड़ियां खड़ी कर चले जाते हैं.
सड़क पर दुकान-गाड़ी लगाने से रोकने का काम प्रशासन काः डॉ विनोद कुमार
इस संबंध में पूछने पर सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि अस्पताल के बाहर यदि कोई दुकान-गाड़ी लगाता है, तो इसे रोकने की जिम्मेवारी प्रशासन की है. जहां तक अस्पताल के अंदर नो पार्किंग जोन में गाड़ियां खड़ी की जा रही हैं, तो उसको रोकना पार्किंग एजेंसी का काम है. गाड़ी लगाने वाले लोगों को भी सोचना चाहिए कि अस्पताल में व्यवस्थित तरीके से अपनी गाड़ियों की पार्किंग करें, ताकि किसी को परेशानी नहीं हो.