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हजारीबाग : 350 किसानों ने 50 एकड़ में की लेमनग्रास की खेती, NGO फसल खरीदने से कर रहा इनकार

Hazaribagh : कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग किसानों को कभी-कभी कितना नुकसान दे सकती है इसका उदाहरण हजारीबाग के दारू प्रखंड के लगभग 350 किसानों के हालत को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है. हरली के लगभग 350 किसानों ने झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी की देखरेख में एक एनजीओ के माध्यम से लगभग 50 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती शुरू की थी. 1 साल पहले यह खेती शुरू की गई और अब यह तैयार हो गयी है, लेकिन एनजीओ और जे एस एल पी एस फसल को लेने में आनाकानी कर रहा है. जिसके कारण फसल बर्बाद होने के कगार पर आ गयी है. इसे भी पढ़ें - धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-fire-broke-out-in-katrass-atm-cable-emergency-siren-rang/">धनबाद

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एनजीओ ने 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक लेमन ग्रास खरीदने की बात कही थी

किसानों ने बताया कि एनजीओ ने 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक लेमन ग्रास खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब लेने को तैयार नही हैं. फसल लेने से इनकार के बाद किसान मायूस हो गये है. किसान इस लेमन ग्रास को 3 रुपये प्रतिकिलो देने को भी तैयार है. लेकिन इसे खरीदने वाला कोई नहीं है. बताया जा रहा है कि जेएसएलपीएस और संबंधित महिला मंडल ने दारू प्रखंड के आसपास के लगभग 350 किसानों के साथ यह करार किया था कि वह अपने जमीन पर लेमनग्रास लगाये. इसे लगाने का जो खर्च आयेगा वह एनजीओ देगा. और साल में दो से तीन फसल को वह खरीद लेगा. किसानों को भी लगा कि यह उनके लिए एक नगदी फसल का काम करेगा.  क्योंकि प्रति एकड़ लगभग 2 से 3 लाख तक की कमाई सालाना हो जाने की संभावना थी. इसे भी पढ़ें -बिहार">https://lagatar.in/4-ministers-including-both-deputy-cms-of-bihar-corona-positive-investigation-was-done-before-cabinet-meeting/">बिहार

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संस्था द्वारा नहीं खरीदे जाने से किसान परेशान है

हरली के किसान प्रेम बताते हैं कि उन्होंने किराए पर लेकर लगभग 7 कट्ठे जमीन पर लेमन ग्रास को लगाया और जब काटने लायक पत्तियां हो गई तो बार-बार संस्था के लोगों से संपर्क किया, लेकिन वह बहाने बनाते रहे. समय बीत जाने के बाद उन्होंने कहा की पत्तियों को सुखाकर दें. अब जब हमने पत्तियों को सुखा दिया तो फिर लेने से इंकार कर रहे. कह रहे हैं इनसे तेल नहीं निकल रहा इसलिए आपको पैसे नहीं दे सकते. अब जितना तेल निकलेगा उसी हिसाब से भुगतान किया जाएगा. किसान परेशान हैं अब तेल का हिसाब किताब कैसे होगा. अब संस्था इस बात पर भी तैयार नहीं है यही कारण है कि अब किसानों की लेमनग्रास की खड़ी फसल खेत में ही बर्बाद हो रही है इस पूरे इलाके में लगभग 350 किसानों ने 50 एकड़ से अधिक भूमि पर इसकी खेती की थी . इसे भी पढ़ें -बिहार">https://lagatar.in/in-bihar-an-elderly-person-told-the-corona-vaccine-to-brahmas-boon-got-11-doses-done/">बिहार

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मशीन खराब होने के कारण नहीं निकलेगा तेल 

वही जेएसएलपीएस के प्रखंड अधिकारी कहते हैं कि उन्होंने जिस तेल निकालने की मशीन को यहां स्टॉल किया था. वह खराब हो गया है उसे बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. साथ ही यह भी कहा कि अगर यह बन भी जाता है तो अब इस फसल को लेना मुश्किल होगा. क्योंकि वक्त बीत जाने के कारण अब इससे तेल निकालना मुश्किल है ऐसे में अब किसानों को अगली फसल तक का इंतजार करना होगा. इसे भी पढ़ें -सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-5-january-2022/">सुबह

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