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एनजीओ ने 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक लेमन ग्रास खरीदने की बात कही थी
किसानों ने बताया कि एनजीओ ने 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक लेमन ग्रास खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब लेने को तैयार नही हैं. फसल लेने से इनकार के बाद किसान मायूस हो गये है. किसान इस लेमन ग्रास को 3 रुपये प्रतिकिलो देने को भी तैयार है. लेकिन इसे खरीदने वाला कोई नहीं है. बताया जा रहा है कि जेएसएलपीएस और संबंधित महिला मंडल ने दारू प्रखंड के आसपास के लगभग 350 किसानों के साथ यह करार किया था कि वह अपने जमीन पर लेमनग्रास लगाये. इसे लगाने का जो खर्च आयेगा वह एनजीओ देगा. और साल में दो से तीन फसल को वह खरीद लेगा. किसानों को भी लगा कि यह उनके लिए एक नगदी फसल का काम करेगा. क्योंकि प्रति एकड़ लगभग 2 से 3 लाख तक की कमाई सालाना हो जाने की संभावना थी. इसे भी पढ़ें -बिहार">https://lagatar.in/4-ministers-including-both-deputy-cms-of-bihar-corona-positive-investigation-was-done-before-cabinet-meeting/">बिहारके दोनों डिप्टी सीएम समेत 4 मंत्री कोरोना पॉजिटिव, कैबिनेट की बैठक से पहले हुई थी जांच
संस्था द्वारा नहीं खरीदे जाने से किसान परेशान है
हरली के किसान प्रेम बताते हैं कि उन्होंने किराए पर लेकर लगभग 7 कट्ठे जमीन पर लेमन ग्रास को लगाया और जब काटने लायक पत्तियां हो गई तो बार-बार संस्था के लोगों से संपर्क किया, लेकिन वह बहाने बनाते रहे. समय बीत जाने के बाद उन्होंने कहा की पत्तियों को सुखाकर दें. अब जब हमने पत्तियों को सुखा दिया तो फिर लेने से इंकार कर रहे. कह रहे हैं इनसे तेल नहीं निकल रहा इसलिए आपको पैसे नहीं दे सकते. अब जितना तेल निकलेगा उसी हिसाब से भुगतान किया जाएगा. किसान परेशान हैं अब तेल का हिसाब किताब कैसे होगा. अब संस्था इस बात पर भी तैयार नहीं है यही कारण है कि अब किसानों की लेमनग्रास की खड़ी फसल खेत में ही बर्बाद हो रही है इस पूरे इलाके में लगभग 350 किसानों ने 50 एकड़ से अधिक भूमि पर इसकी खेती की थी . इसे भी पढ़ें -बिहार">https://lagatar.in/in-bihar-an-elderly-person-told-the-corona-vaccine-to-brahmas-boon-got-11-doses-done/">बिहारमें एक बुजुर्ग ने कोरोना वैक्सीन को बताया ब्रह्माजी का वरदान, लगवाये 11 डोज
मशीन खराब होने के कारण नहीं निकलेगा तेल
वही जेएसएलपीएस के प्रखंड अधिकारी कहते हैं कि उन्होंने जिस तेल निकालने की मशीन को यहां स्टॉल किया था. वह खराब हो गया है उसे बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. साथ ही यह भी कहा कि अगर यह बन भी जाता है तो अब इस फसल को लेना मुश्किल होगा. क्योंकि वक्त बीत जाने के कारण अब इससे तेल निकालना मुश्किल है ऐसे में अब किसानों को अगली फसल तक का इंतजार करना होगा. इसे भी पढ़ें -सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-5-january-2022/">सुबहकी न्यूज डायरी।5 जनवरी।पूर्व MLA पर नक्सली हमला,2 अंगरक्षक शहीद।ओमिक्रॉन पर स्टडी रिपोर्ट।UP-बिहार में नाइट कर्फ्यू।दिल्ली में वीकेंड लॉकडाउन।समेत कई खबरें और वीडियो [wpse_comments_template]

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