Hazaribagh: हजारीबाग की अपनी कला संस्कृति सोहराय और कोहबर को नया आयाम मिलने जा रहा है. सोहराय और कोहबर नेशनल ज्योग्राफिक चैनल (NGC) में दिखेगी. नेशनल ज्योग्राफिक चैनल झारखंड की संस्कृति, कला, यहां के सौंदर्य, वन संपदा, पर्यटन स्थल और खनिज संपदा को देश-दुनिया के सामने लाने के लिए “पोस्टकार्ड फॉर्म झारखंड” नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाने जा रहा है.
इस डॉक्यूमेंट्री में सोहराय और कोहबर को भी जगह दिया गया है. पिछले दिनों सोहराय और कोहबर पर काम करने वाले पद्मश्री बुलू इमाम के पुत्र जस्टिन इमाम ने डीसी से भी मुलाकात कर इस कला के बारे में विस्तृत जानकारी दी. झारखंड की पर्यटन नीति 2021 के आरंभ होने के साथ ही इसका प्रीमियम हुआ. इसके पहले भी इस से जुड़े कई कार्यक्रम जारी हो चुके हैं. हजारीबाग की कला संस्कृति को नेशनल ज्योग्राफिक ऑल इंडिया में प्रस्तुत करने को लेकर इस कला से जुड़े कलाकारों में भी उत्साह है.
हजारीबाग के डीपूगढा स्थित संस्कृति म्यूजियम में अपनी कला को प्रदर्शित करने वाले कलाकार कहते हैं कि जहां जीआई टैग मिलने के बाद इस संस्कृति को पहचान मिली, तो अब नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया में इस कला को दिखाने के बाद पूरा विश्व हजारीबाग की कला के बारे में जान पाएगा. नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया इस वृत्तचित्र शृंखला के माध्यम से झारखंड के मैकलुस्कीगंज, नकटा पहाड़, नेतरहाट, दलमा पहाड़ियों की आकर्षक श्रृंखला, लोध फाल, हुंडरू फाल और बेतला नेशनल पार्क से लेकर देवरी मंदिर, सूर्य मंदिर और बैद्यनाथ धाम जैसे मंदिरों की अद्भुत झांकी दिखाएगा. इसके साथ ही कोहबर और सोहराय की कला भी दिखेगी. डॉक्यूमेंट्री फिल्म में सोहराई कला बनाने का तरीका, इसका महत्व और कला उकेरने में किन साम्रगियों की आवश्यकता होती है, उसकी जानकारी भी दी जाएगी.
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झारखंड टूरिज्म पॉलिसी 2021 दिल्ली में लॉन्च
वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड टूरिज्म पॉलिसी 2021 दिल्ली में लॉन्च कर दिया है. उन्होंने कहा कि झारखंड को लोगों ने अब तक खनन के लिए जाना है. लेकिन झारखंड प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थल का भी प्रदेश है. इस मौके पर उन्होंने देश और विदेश के लोगों को झारखंड घूमने के लिए आने का न्योता दिया. साथ ही कहा कि प्रदेश में नक्सली मूवमेंट अब न के बराबर है. वह दिन दूर नहीं जब जंगल की वादियों में पर्यटकों के ठहाके सुनाई देंगे, गोलियों की आवाज नहीं सुनाई देगी.
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