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हजारीबाग : विधिक सशक्तीकरण शिविर में बांटी गईं 3.17 करोड़ की परिसंपत्तियां

Chouparan : चौपारण में रविवार को विधिक सशक्तीकरण शिविर लगाया गया. इसमें लाभुकों के बीच 3.17 करोड़ से अधिक की परिसंपत्तियां बांटी गईं. बीडीओ प्रेमचंद सिन्हा ने 13 अंबेडकर आवास लाभुकों को 16 लाख 90 हजार, पेंशन योजना में 20 लाभुकों को एक लाख 15 हजार, जेएसएलपीएस में 250 लाभुकों को 96 लाख की राशि दी गई. केसीसी लोन के सात लाभुकों को 5 लाख 62 हजार 400, मनरेगा योजना में 5 जॉब कार्ड, महिला सशक्तीकरण में 10 महिलाओं को दस हजार, सोना सोबरन में 50 लाभुकों को धोती-साड़ी, सखी मंडल में 3000 महिलाओं को एक करोड़ 65 लाख 50 हजार की चेक, मनरेगा योजना के तहत कूप निर्माण के लिए दो लाभुकों को 8 लाख, बिरसा बागवानी में एक लाभुक को 4 लाख 20 हजार, मेड़बंदी योजना में दो लाभुकों को 36 हजार कुल मिलाकर 3 करोड़ 17 लाख 94 हजार 400 का परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. इसे भी पढ़ें :मौलिक">https://lagatar.in/should-take-advantage-of-fundamental-rights-civil-judge/">मौलिक

अधिकारों का लाभ उठाना चाहिए : सिविल जज

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने किया कैंप का शुभारंभ

इससे पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकार हजारीबाग सचिव गौरव खुराना के निर्देश प्रखंड मुख्यालय सभागार में मेगा लीगल इंपायरमेंट कैंप का आयोजन किया गया. शिविर का उद्घाटन एसडीजेएम रेमी प्रफुल बा, प्रमुख पूर्णिमा देवी, बीडीओ प्रेमचंद सिन्हा, थाना प्रभारी शंभूनंद ईश्वर, विधायक प्रतिनिधि रामफल सिंह, 20 सूत्री उपाध्यक्ष विकास यादव, जिला परिषद सदस्य आरती कौशल, अधिवक्ता सह पैनल लॉयर मुरली कुमार राणा, एमओ कारू राम ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/mega-legal-camp-chouparan_442-1.jpg"

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ग्रामीणों को पढ़ाया गया कानूनी जागरुकता का पाठ

शिविर में एसडीजेएम, प्रमुख, बीडीओ सहित अन्य लोगों ने बारी-बारी से कानूनी जागरुकता से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश लोग कानून के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण सामाजिक न्याय से वंचित रह जाते हैं. इसमें सबसे अधिक नुकसान महिलाओं को सहना पड़ता है. न्यायालय में शीघ्र एवं सस्ता न्याय मिलना अभी के समय में बहुत कठिन हो गया है. संविधान के अनुच्छेद 39 (क) में हर नागरिक को सामाजिक न्याय प्रदान करने की बात की गई है. इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति आर्थिक या किसी अन्य कारण से न्याय से वंचित नहीं रह सकता. हर नागरिक को समान अवसर के साथ-साथ आसानी से न्याय उपलब्ध होना चाहिए. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत केंद्र, राज्य एवं जिला स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, उप समिति एवं तहसील विधिक सेवा समिति का गठन किया गया. इसके अंतर्गत लोगों को सरकारी खर्च पर वकील, कोर्ट फीस के लिए खर्च, अभिलेख कागजात की सुविधाएं लोगों को प्राप्त करवाना है. लोग नि:शुल्क विधिक सेवा पाने का हकदार हैं. इसके बारे में लोगों को प्रक्रिया की जानकारी दी गई. वहीं बीडीओ सह सीओ ने अपने अंचल क्षेत्र में राजस्व से संबंधित अधिकार के बारे में जानकारी दी. इसे भी पढ़ें :पाकुड़">https://lagatar.in/pakur-dc-appeals-to-take-advantage-of-jharkhand-petrol-subsidy-scheme/">पाकुड़

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शिविर में ये रहे मौजूद

विधिक सशक्तीकरण शिविर में असिस्टेंट संदीप कुमार, पीयून शहनवाज हुसैन, मुखिया हेलाल अख्तर, प्रधान सहायक सुरेश कुमार, सहायक अभिषेक कुमार ओझा, बीपीओ संतोष कुमार, बीपीओ राजेश कुमार, लेखापाल दीपक कुमार मेहता, प्रखंड नाजीर संजय किंडो, कृषि पदाधिकारी मुकुंद हंस, पेंशन विभाग धनंजय तिवारी, गौरव पांडेय, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सतेंद्र कुमार, रवि कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे. [wpse_comments_template]

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