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केरेडारी की पगार बिरहोर कॉलोनी की घटना, परिजनों ने ऋतिक कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप
Keredari, Hazaribagh: केरेडारी की पगार बिरहोर कॉलोनी में मंगलवार रात दो बजे एक 42 वर्षीय दुर्गा बिरहोर का निधन हो गया. पुत्र मुकेश के अनुसार, दुर्गा रात में खाना खाकर सो गया, सुबह वह नहीं उठा तो परिजनों को उसकी मौत होने की जानकारी मिली. दुर्गा को पहले से कोई बीमारी नहीं थी. पांच माह पहले उसकी पत्नी कोरी देवी का निधन हो गया था. अब तीन पुत्र व एक अबोध बच्ची पूरी तरह से अनाथ हो गयी है. बुधवार सुबह दुर्गा के निधन की सूचना पर बिरहोर परिवारों ने ऋतिक कंपनी पर गंभीर आरोप लगाया. परिजनों का कहना है कि पृथ्वी कंपनी के उड़ते डस्ट से हम बिरहोर परिवार की जान जा रही है. वहीं आक्रोशित परिजनों ने शव एनटीपीसी के एमडीओ ऋत्विक कम्पनी द्वारा संचालित चट्टी बारियातु कोयला खनन परियोजना के गेट एक के पास रखकर ट्रांसपोर्टिंग कार्य को अवरुद्ध कर दिया. इससे उत्खनन व परिवहन के कार्य बंद हो गए. फिर केरेडारी प्रमुख, एनटीपीसी के अधिकारी, थाना प्रभारी व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में वार्ता होने पर लगभग 6 घंटे बाद दिन में 1:10 बजे शव को उठाया गया.
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दो बच्चों को रोजगार व दो बच्चों को प्रतिमाह पांच-पांच हजार देने पर बनी सहमति
कंपनी ने मृतक के परिजनों को तीस हजार रुपये नकद दिये. वहीं उसके बड़े बेटे रंगला बिरहोर को आउटसोर्सिंग में रोजगार देने, मझले बेटे मुकेश बिरहोर को ट्रांसपोर्टिंग कंपनी में रोजगार से जोड़ने व इसके और दो बच्चे पांच वर्षीय मोहन बिरहोर व तीन वर्षीय मंजू बिरहोर को कंपनी रहने तक पांच-पांच हजार रुपये प्रत्येक माह खाते में डालने का सहमति पत्र परिजनों को सौंपा. वहीं रित्विक कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि इस कॉलोनी को नजदीक के जंगल में जल्द ही शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है.
बिरहोर परिवार को शिफ्ट करने में हो रही है परेशानी
इस बिरहोर कॉलोनी को प्रदूषण के ख्याल से शिफ्ट करना जरूरी है, परंतु यह बिरहोर परिवार माइंस क्षेत्र से दूर नहीं जाना चाहता. जाम के दौरान समाजसेवी सुंदर प्रसाद गुप्ता ने चट्टीबारियातु बाजार टांड़ में निर्मित एक मकान में सभी बिरहोर परिवार को फिलहाल शिफ्ट करने की बात की तो सभी ने एक स्वर में कहा हम जंगल में रहबो, सामने पहाड़ी को दिखाकर कहा, “वहीं बगल में घर बना दे हमीन वहां रैह लबो”. हमीन के रोजी रोटी कोलयरी और जंगल हौ. इसलिये यहां से दूर नाय जेबो. एनटीपीसी के एक अधिकारी ने बताया कि एनटीपीसी ने नवंबर 2022 में इस कॉलोनी को शिफ्ट करने का प्रयास किया था, परंतु वन विभाग का एनओसी आड़े आ गया. पुनर्वास कॉलोनी बड़कागांव के ढेंगा और बुंडू बिरहोर टोला में यहां के बिरहोर परिवार को ले जाकर दिखाया गया, लेकिन वे लोग वहां जाने के लिये तैयार नहीं हुए. अब बिरहोर परिवार के सदस्यों की मौत चाहे जिस कारण से हो रही हो बदनामी एनटीपीसी व ऋत्विक कंपनी की हो रही है. इसलिये इस बार बहुत जल्द इस बिरहोर टोले को शिफ्ट करा लिया जायेगा. माइंस से थोड़ी दूरी पर इन्हें बसाने की तैयारी चल रही है. यहां वार्ता के दौरान केरेडारी प्रमुख सुनीता देवी, एनटीपीसी के खान प्रबंधक यतीश कुमार, अपर महाप्रबंधक केरेडारी सुभाष प्रसाद गुप्ता, अपर महाप्रबंधक मृत्युंजय वर्मा, ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रिजवान शरीफ, अनुराग गुप्ता, लाइजिंग मैनेजर रवि सिन्हा, विधायक प्रतिनिधि सुरेश साव, जिला परिषद उतरी के प्रतिनिधि निरंजन साव, समाजसेवी प्रेम रंजन पासवान, समाजसेवी सुंदर प्रसाद गुप्ता, महेंद्र रजक, मनोज गुप्ता, रफीक अंसारी, बिनोद नायक आदि मौजूद थे.
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कंपनी की ओर से बिरहोर परिवारों की सुरक्षा की व्यवस्था
पगार बिरहोर टोला में सरकार व कम्पनी की ओर से सुरक्षा की पूरी व्यवस्था दी गयी है. प्रदूषण से बचने के लिये कॉलोनी के माइंस तरफ ग्रीन एग्रीमेंट लगाया गया है. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर दी गयी है. बीच-बीच में मेडिकल कैंप लगाकर स्वास्थ्य की जांच की जाती है.
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