कहा- भाजपा सरकार के समर्थन से अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक और आर्थिक विकास को निरंतर बढ़ावा मिला
Hazaribagh : भारतीय जनता पार्टी पिछड़ी जाति मोर्चा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव, भाजपा के जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धि गिनवाईं. उन्होंने बताया कि 2014 से 2024 तक 10 वर्षों के कार्यालय में मोदी सरकार के समर्थन से अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक और आर्थिक विकास को निरंतर बढ़ावा मिला है. 2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने वर्षों से कांग्रेसी उपेक्षा के शिकार ओबीसी समाज के मान-सम्मान और उत्थान का जो संकल्प लिया, वह आज चरितार्थ को रहा है. मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर राष्ट्र के निर्माण के उनका उचित स्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर, जो अपने जीवनकाल में शोषित, दलित, पीड़ित, पिछड़ा और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए संघर्षरत रहे और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह, जिनका जीवन किसानों के हितों के लिए सतत संघर्ष में बीता, ऐसे महान विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. यह ओबीसी नायकों के सम्मान के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मोदी सरकार ने ओबीसी वर्ग की दशकों से चली आ रही मांग को वर्ष 2018 में पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पूरा किया. इसके लिए 123वां संविधान संशोधन कर एक नया अनुच्छेद 330बी जोड़ा गया. आयोग की अब सिविल कोर्ट के अधिकार प्राप्त होंगे. आयोग कानूनी तौर पर अधिकारियों को बुला सकता है. दस्तावेज के साथ ओबीसी अधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकता है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बजट आवंटन में भाजपा सरकार ने 90 प्रतिशत से अधिक की महत्वपूर्ण वृद्धि की है. कांग्रेस के कार्यकाल 2013-14 में जो बजट 6.725.32 करोड़ रुपये था, उसे 2023-24 में मोदी सरकार ने बढ़ाकर 12.847.02 करोड़ रुपये किया. विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की. 13000 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू हुई इस योजना का लक्ष्य लगभग 30 लाख परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है. मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई. 20,050 करोड़ रुपये की निवेश योजना के उद्देश्य से 24 लाख लोगों को लाभान्वित करेगी, मछुआरों को सशक्त बनाएगी.
पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाकर 8 लाख की गई
पिछड़े वर्ग को न्यायोचित प्रतिनिधित्व मिले, उनकी अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए मोदी सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग क्रीमीलेयर की सीमा को बढ़ाकर 8 लाख रुपये किया गया. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) ओबीसी वर्ग में आय-सृजन गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किफायती ऋण प्रदान कर रहा है. 2018 से 2023 के बीच में कुल मिलाकर 7 लाख 37 हजार से अधिक लाभार्थियों ने इस योजना से लाभ उठाया है. इस योजना के तहत 100 प्रतिशत ओबीसी व्यक्तियों के साथ स्वयं सहायता समूहों को ब्याज सबवेशन प्रदान करता है. यह एसएचजी के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये और एक व्यक्ति के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये ऋण प्रदान करता है. 2016 में इस योजना की शुरुआत के बाद से अब तक वितरित 40 करोड़ रुपये से अधिक ऋणों में से आधे से अधिक ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं. जबकि शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है. ओबीसी 32 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं. कोरोना महामारी के दौरान रेहड़ी-पटरी लगाकर अपना गुजर बसर करने वाले भाई-बहनों को आर्थिक संबल देने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि) शुरू की गई. इस योजना के 44 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी ओबीसी वर्ग से आते हैं.
विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा हो रहा
विदेशों में अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी देने के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर योजना आरंभ की गई. इस योजना के माध्यम से ओबीसी और ईबीसी छात्रों का विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा हो रहा है. डॉ. बीआर अंबेडकर ब्याज योजना के तहत ओबीसी एवं ईबीसी के लिए विदेशों में अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी, ओबीसी छात्राओं के लिए आरक्षित 50 प्रतिशत फंडिंग, योग्य ओबीसी छात्रों के लिए विदेश उच्च शिक्षा का समर्थन, समावेश और सशक्तिकरण किया जा रहा है. 2016 में इस योजना की शुरुआत के बाद से अब तक वितरित 40 करोड रुपये से अधिक ऋणों में से आधे से अधिक ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं. वहीं शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही है. ओबीसी के 32 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं. कोरोना महामारी के दौरान रेहड़ी-पटरी लगाकर अपना गुजर बसर करने वाले भाई-बहनों को आर्थिक संबल देने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि) शुरू की गई. इस योजना के 44 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी ओबीसी वर्ग से आते हैं.
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