Hazaribagh : पूरे राज्य भर में कृषि शुल्क विधेयक को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल हजारीबाग में भी गुरुवार को दूसरे दिन जारी रहा. हजारीबाग के व्यवसायियों ने शहर के मुख्य चौराहे झंडा चौक पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन कर बिल पर अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान व्यवसायियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की. हड़ताल के कारण हजारीबाग का मुख्य गोला चौक रोड पर सन्नाटा पसरा रहा और व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखीं. दुकान के आसपास व्यापारी इकट्ठे चर्चा करते नजर आए कि आखिर विधेयक का भविष्य में क्या असर पड़ेगा.
2 दिनों में 300 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित
उत्तरी छोटानागपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स हजारीबाग के जिलाध्यक्ष शंभूनाथ अग्रवाल ने बताया कि इन दो दिनों में करीब 300 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. सरकार ने अगर कृषि बिल विधेयक को वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और धारदार बनाया जाएगा. अब तक खाद्यान्न व्यवसायियों ने ही हड़ताल कर रखी है. आगे प्लाइवुड, सब्जी, फल समेत अन्य व्यवसायियों को भी आंदोलन से जोड़ा जाएगा. इस आंदोलन से जीएसटी, इनकम टैक्स समेत सभी को नुकसान झेलना पड़ रहा है. इन सबका जिम्मेवार राज्य सरकार है.
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अब तक लौट चुके हैं अनाज लदे 70 ट्रक, बढ़ी दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी
जिले भर में कृषि शुल्क विधेयक के खिलाफ आंदोलन का व्यापक असर दूसरे दिन भी देखने को मिला. चरही, हजारीबाग शहर से लेकर बरही तक प्रतिष्ठान बंद रहे. व्यापारियों का कहना है कि 300 करोड़ रुपए का नुकसान दो दिनों में हजारीबाग जिले को हुआ है. प्रत्येक दिन 35 से 40 ट्रक खाद्य वस्तु विभिन्न जिलों और राज्यों से पहुंचता है. दो दिनों में करीब 70 ट्रकों पर लदे खाद्य वस्तु जिसमें आटा, चावल, तेल, आलू, प्याज हजारीबाग पहुंचे थे. लेकिन हड़ताल के कारण इन ट्रकों से अनाज नहीं तारे गए. बाजार में सन्नाटा पसरा रहा.
दूसरे राज्यों से आए अनाज नहीं किए गए अनलोड
हजारीबाग में आटा-मैदा बनारस से आता है. वहीं गेहूं और सरसों तेल राजस्थान से. रिफाइन तेल कोलकाता से, उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से चीनी पहुंचती है. हरी सब्जियां हजारीबाग से बंगाल समेत झारखंड के कई जिलों तक व्यापारी लेकर पहुंचते हैं. हजारीबाग में प्रत्येक दिन पांच ट्रक आटा, दो ट्रक दाल, दो ट्रक चीनी, दो ट्रक रिफाइन, तीन ट्रक सरसों तेल और दस ट्रक गेहूं पहुंचता है. लेकिन अनलोडिंग नहीं होने से दिहाड़ी और मोटिया मजदूरों की कमाई मारी गई. आमजन भी अनाजों की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं.
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दूसरे दिन भी बंद रहा चौपारण बाजार
Chouparan : कृषि बिल विधेयक को किसान और व्यापारी विरोधी काला कानून बताते हुए व्यवसायियों ने दूसरे दिन भी चौपारण बाजार बंद रखा. कृषि शुल्क दो परसेंट के विरोध में चौपारण की खाद्यान्न व आलू-प्याज की दुकानें बंद रहीं. व्यवसायी संघ ने डोमन जानकी केसरवानी आश्रम के समीप से चतरा मोड़ होते हुए ब्लॉक मोड़ तक मशाल जुलूस निकाला. उसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का पुतला दहन किया गया. इस जुलूस में शत्रुघ्न केशरी, अनिल केसरी, बबलू वर्णवाल, संजय केसरी, सुनील केसरी, बजरंग केसरी, रोहित जैन, शिव केसरी, गोविंद केसरी, रंजीत केसरी, विनोद केसरी, रमेश वर्णवाल, पप्पू केसरी, संजीत केसरी, बबलू केसरी सहित कई व्यवसायी शामिल थे.
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