ग्राहक सेवा केंद्रों पर बंदी की तलवार, रोजी-रोटी का संकट
Suraj Kumar
Chauparan : बैंक ऑफ इंडिया की ओर से नये नियम लागू किये जाने के बाद आधार कार्ड से पैसा निकलना महंगा हो गया है. अब हर निकासी पर 25 रुपये और 18 प्रतिशत जीएसटी के हिसाब से 29.50 रुपये काटे जा रहे हैं. इससे ग्राहकों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. बताते चलें कि उक्त नियम के लागू होने बाद जनधन खाता छोड़कर अन्य खातों से आधार से राशि की निकासी पर बैंक द्वारा चार्ज काटा जायेगा. इससे बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक सेवा केंद्रों पर बंदी की तलवार लटक गयी है. संचालकों के बीच रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. नये नियम के तहत गैर- बीएसबीडीए ग्राहकों के लिए एईपीएस सेवा शुल्क सिस्टम लागू किया गया है.
क्या कहते हैं बीसी संचालक
चौपारण बैंक ऑफ इंडिया के बीसी प्रखर मयूर एवं मिथलेश केशरी का कहना है कि आरबीआई का ऐसा कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. नहीं तो अन्य बैंकों में इस तरह का नियम लागू हो जाता. अब बैंक आने से असमर्थ महिला, पुरुष, वृद्ध लोगों को अपनी पेंशन की राशि की निकासी के लिए बैंकों में जाकर लंबी कतार में खड़ा होना पड़ेगा. बीसी संचालकों के पास निःशुल्क निकासी होने पर लोगों को समय की बचत होती थी. बैंक से घर आने जाने का किराया बचता था. धीरे-धीरे बैंकों में भीड़ लगनी शुरू हो जाएगी. कर्मचारियों के कार्य बढ़ जायेंगे. बीसी संचालक बैंक के साथ मिलकर अपना काम बेहतर तरीके से कर रहा था. जरूरत के तहत एनपीए खाताधारकों से शिविर के माध्यम से ग्राहकों के साथ समझौता कर समाधान किया जाता था. इधर प्रखंड के सभी बीसी संचालकों का कहना है कि बैंक के खाताधारकों का महीने में 6 बार का ट्रांजेक्शन निःशुल्क होता था. उसके बाद की निकासी में जो चार्ज काटा जाता था उस पर किसी को कोई ऐतराज नहीं था. सभी का काम सही तरह से चल रहा था. पुरानी सुविधा को फिर से शुरू किया जाये, नहीं तो बाध्य होकर सभी ग्राहक सेवा केंद्र संचालक हड़ताल पर जाएंगे. वहीं ग्राहकों का कहना है कि सरकार हम विधवा और वृद्ध को 1000 हजार रुपये पेंशन देती है, जिसमें बैंक 29.50 रुपये काट ले रहा है. हमलोगों की बातों को सुनने वाला कोई नहीं है.
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