Hazaribag : हजारीबाग जिला में डेंगू और टायफाइड तेजी से पांव पसारने लगा है. वहीं जांच और इलाज की सुविधाओं पर जनप्रतिनिधियों ने भी सवाल उठाया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिलाभर में अब तक 21 लोग पॉजिटिव मिल चुके हैं. वहीं अब तक 193 लोगों का सैंपल टेस्ट कराया जा चुका है. जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ. कपिल मुनि प्रसाद ने बताया कि चालू माह में अब तक डेंगू निगरानी कार्य के तहत कुल 1517 घरों का सर्वे किया गया. इसमें कुल 15,996 जलपात्रों की जांच की गई. इनमें 95 घरों के 120 जलपात्रों में एडिज मच्छर के लार्वा पाए गए, जिसे सर्वे दल ने नष्ट कर दिया. जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू निगरानी एवं लार्वानाशी उपचार कार्य कराया जा रहा है. कार्य योजना के अनुसार, हजारीबाग शहरी क्षेत्र में फॉगिंग भी कराई जा रही है. डेंगू से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से पहले ही एडवाइजरी जारी की जा चुकी है.
इसे भी पढ़ें –भारत का मुंहतोड़ जवाब, कनाडा में रहने वाले भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह
बेड के लिए नहीं है परेशानी : अधीक्षक
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि हर दिन औसतन इलाज के लिए दो दर्जन टायफाइड पीड़ित पहुंच रहे हैं. उन्हें दवाइयां लिखी जा रही हैं. जरूरत पड़ने पर बेड उपलब्ध है. उनका स्लाइन वगैरह किया जा रहा है. मलेरिया पीड़ित मरीज नहीं के बराबर हैं.
हजारीबाग भेजे जा रहे डेंगू के मरीज : डॉ भुवनेश्वर गोप
चौपारण के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भुवनेश्वर गोप के अनुसार, डेंगू के लिए मरीज हजारीबाग भेज दिए जाते हैं. टाइफाइड, मलेरिया आदि के इलाज हो रहे हैं. अस्पताल में बेड की व्यवस्था है. यहां औसतन हर दिन डेढ़ दर्जन टाइफाइड के मरीज पहुंच रहे हैं.
चिकित्सकों का है अभाव : डॉ प्रकाश ज्ञानी
बरही अनुमंडलीय अस्पताल के डीएस डॉ प्रकाश ज्ञानी का कहना है कि यहां तीन चिकित्सक ड्यूटी दे रहे हैं. स्वीकृत पद 12 में नौ चिकित्सक नहीं हैं. हर दिन औसतन टाइफाइड और मलेरिया के 50 मरीज मिल रहे हैं. उनका इलाज किया जा रहा है. बेड की व्यवस्था में कोई कमी नहीं है.
जानिए स्वास्थ्य व्यवस्था पर क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है : मनीष जायसवाल
हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि यहां स्वास्थ्य व्यवस्था का बड़ा बुरा हाल है. डेंगू, टायफाइड, मलेरिया आदि पांव पसार रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग में जांच तक की पर्याप्त सुविधा नहीं है और न ही इलाज की व्यवस्था है. स्वास्थ्य महकमा इन बीमारियों के इलाज के लिए तैयार नहीं है. डेंगू से बचाव के लिए प्लेटलेट्स सेपरेट मशीन नहीं है. लोग खुद की पहल से इन बीमारियों से बचे रहें. न सिर्फ हजारीबाग बल्कि पूरे झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है. वह लगातार इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पहल करते रहे हैं. विधानसभा में आवाज भी उठाते रहे हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी सक्रिय रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे बात : उमाशंकर अकेला
बरही विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता तिलैया एक कार्यक्रम में आ रहे हैं. उनके बात करेंगे कि डेंगू, टायफाइड, मलेरिया आदि से बचाव के लिए तेजी से पहल करें. बरही अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं, तो वहां जल्द चिकित्सक बहाल करें. वैसे स्वास्थ्य केंद्रों में जो भी डॉक्टर हैं, ईमानदारी से मरीजों को स्वस्थ करने के लिए प्रयासरत हैं. बारिश नहीं होने की वजह से बीमारियां बढ़ रही हैं. बीमारी कभी बोलकर नहीं आती. उसका सामना सही ढंग से करना होगा. लोग स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और सतर्कता बरतें.
झारखंड में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था : अमित कुमार यादव
बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव ने कहा कि पूरे झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है, तो उनके क्षेत्र में कहां से ठीक रहेगा. केंद्र सरकार की पहल पर जो भी स्वास्थ्य योजना चल रही हैं, राज्य सरकार उसके प्रति संजीदा नहीं है. अभी डेंगू, टायफाइड, मलेरिया आदि का प्रकोप बढ़ा हुआ है. इसके लिए लोगों को खुद सचेत रहने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल है. न डॉक्टर हैं, न दवाइयां हैं. ऐसे में बेहतर इलाज की उम्मीद कैसे की जा सकती है.
लोगों को खुद से सचेत रहने की जरूरत : जेपी भाई पटेल
मांडू विधायक जेपी भाई पटेल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है. वैसे लोगों को स्वास्थ्य के प्रति खुद से सचेत रहने की जरूरत है. साफ-सफाई का ख्याल रखना होगा. उन्होंने खुद विभिन्न प्रखंडों में लगे स्वास्थ्य मेले में लोगों को जागरूक किया है. यह बात सही है कि मौसमी बीमारी के कारण लोग परेशान हैं, लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों में उनका इलाज चल रहा है.
स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है : बीपी मेहता
पूर्व सांसद बीपी मेहता ने कहा कि हजारीबाग समेत राज्यभर में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है. फॉगिंग के नाम पर नगर निगम खिलवाड़ कर रहा है. घर-घर जाकर फॉगिंग करने की जगह बाहर-बाहर धुआं उड़ाकर कर्मी निकल जा रहे हैं. मरीजों का ढंग से इलाज होना चाहिए. लेकिन साधन-संसाधन रहते हुए भी कुछ नहीं किया जा रहा है. सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. लोगों को खुद से स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.
इसे भी पढ़ें –हजारीबाग : विद्यार्थी विज्ञान मंथन ऑनलाइन परीक्षा का रजिस्ट्रेशन अब 25 सितंबर तक