Hazaribagh: हजारीबाग के पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी (DFO) मौन प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की शर्तों का उल्लंघन करते हुए सड़क मार्ग से कोयला परिवहन की अनुमति दी और निजी लाभ प्राप्त किया. इस मामले में केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के प्रधान वन सचिव को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.
पर्यावरण कार्यकर्ता मंटु सोनी ने 27 जनवरी को डीएफओ मौन प्रकाश के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए भारत सरकार से शिकायत की थी. केंद्र सरकार ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और मात्र तीन दिन में राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए निर्देश भेज दिए.
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जांच समिति बनी, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई
मंटु सोनी ने हजारीबाग के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (RCCF) और वन संरक्षक (CF) से भी शिकायत की थी कि एनटीपीसी की पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना वन स्वीकृति की शर्तों का उल्लंघन करते हुए सड़क मार्ग से कोयला परिवहन कर रही है. इससे सड़क दुर्घटनाओं में अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है और वन्यजीवों के प्राकृतिक संतुलन पर भी असर पड़ा है.
शिकायत के बाद क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक के निर्देश पर वन संरक्षक ममता प्रियदर्शी ने दो सदस्यीय जांच समिति बनाई थी और एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा था. हालांकि डीएफओ मौन प्रकाश के असहयोगी रवैये के कारण रिपोर्ट नहीं तैयार हो सकी. अब केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीर मानते हुए झारखंड सरकार से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
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