बारिश के अभाव में अब तक नहीं हो पायी है धनरोपनी 306 मिमी की जगह महज 107 मिमी वर्षा, खेतों में उभरने लगे दरार, मुरझाने लगे धान के पौधे Gyan/Anand Keredari/ Barkagaon : मॉनसून की दगाबाजी से केरेडारी और बड़कागांव इलाके के किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है. इन इलाकों में बारिश के अभाव में धनरोपनी नहीं हो पायी है. केरेडारी कृषि पदाधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि अब तक कम से कम 306 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी. लेकिन महज 107 मिमी अर्थात आधी बारिश भी नहीं हुई है. औसत से काफी कम बारिश होने से धान के खेतों में दरार उभरने लगे हैं. धान के पौधे मुरझाने लगे हैं. केरेडारी स्थित लोचर के किसान मीनू महतो, जोरदाग के चमन साव और बैजू महतो कहते हैं कि क्षेत्र को सुखाड़ घोषित करने का वक्त आ गया है. धान के पौधे मर चुके हैं. पूरे बिचड़े भी नहीं पनपे. कर्ज लेकर खेती की है. अगर धान की पैदावार नहीं होगी, तो महाजन का कर्ज कैसे चुकता करेंगे. इसे भी पढ़ें :
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किसानों की स्थिति चिंताजनक, सरकार सोचे : सुनीता देवी
केरेडारी प्रखंड प्रमुख सुनीता देवी कहती हैं कि पिछले साल भी बारिस नहीं होने की वजह से अच्छी उपज नहीं हुई थी और इस बार भी अब तक निराशा ही हाथ लगी है. हम सब महंगे दामों में धान का बीज खरीद कर लगाते हैं और अगर इस बार भी बारिस नहीं हुई तो स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो जाएगी. इस स्थिति को देखते हुए पूरे क्षेत्र में हो रही समस्याओं को लेकर सरकार को एक बार सोचने की जरूरत है. चूंकि क्षेत्र में किसानों के लिए खेती ही जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है. इसी से किसानों का घर परिवार चलता है.
बड़कागांव के खेतों में पड़ने लगी दरार, किसानों में हाहाकार
वहीं बड़कागांव में बारिश नहीं होने के कारण कृषि प्रधान क्षेत्र बड़कागांव प्रखंड में धान के बिचड़े के खेतों में दरार पड़ने लगे हैं. इसे देखकर किसानों में हाहाकार की स्थिति है. धान के बीज बोआई के दौरान कुछ बारिश हुई, लेकिन इसके बाद लगातार मौसम की बेरूखी झेल रहे किसानों की परेशानी बढ़ गई. किसान कालेश्वर राम, द्वारिका साह, दशरथ महतो, अशोक महतो आदि ने कहा कि धान के पौधों को पानी नहीं मिल रहा है. पौधे मुरझा रहे हैं. अकाल जैसी स्थिति से किसानों को इस बार फिर से जूझना पड़ेगा. इसे भी पढ़ें :
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अकाल की आशंका से किसान परेशान
पूर्व मुखिया अनिता देवी, जोगेश्वर महतो और किसान बद्रीनाथ महतो ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण खेत में लगाए गए बिचड़े सूख रहे हैं. खेत में दरार होने लगे हैं. मौसम में अचानक आए बदलाव के चलते दोपहर में पड़ रही तेज धूप से पौधे सूखने लगे हैं. बड़कागांव, बादम, हरली, विश्रामपुर, नापो खुर्द, नापोकला, तलसवार, सिकरी, साढ़ में धान के पौधों की हालत ठीक नहीं है.किसानों का कहना है कि लाखों रुपए लोन लेकर खाद और बीज के साथ ही अन्य उपकरण से खेत को तैयार कर बीज लगाया था. वहीं मौसम की बेरूखी के चलते इस बार अकाल की मार झेलने जैसी आशंका किसान व्यक्त कर रहे हैं. [wpse_comments_template]
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