Hazaribagh : हज़ारीबाग डाक कर्मियों का दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रहा.जिला मुख्यालय पर डाक कर्मियों ने 22 सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन भी डटे रहे. उन्होंने कहा कि यह हड़ताल सरकार के अधीन हमारे विभाग के अस्तित्व के लिए संघर्ष है.जहां डाक कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में शहर के मुख्य डाकघर के आगे धरने पर बैठ गए हैं.इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की.
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नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इम्प्लॉय ग्रुप-‘सी’ के सचिव रजनीश कुमार का कहना था कि हम सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण, एनपीएस को खत्म करने, श्रम कानूनों में बदलाव आदि के खिलाफ लड़ रहे हैं.जिसमें 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन के कर्मचारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं.उन्होने कहा कि यह केंद्र सरकार की निजीकरण नीति का विरोध है.कर्मचारियों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हड़ताल पर बने रहने की अपील की.
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डाक कर्मियों ने बताया कि हमारी मुख्य मांगें ओपीएस लागू करना, जीडीएस को नियमित करना, 1 जनवरी 2020 से जून 2021 तक का बकाया डीए का भुगतान, निजीकरण को हटाना, शत प्रतिशत अनुकंपा पर नियुक्ति, बैंकों की तर्ज पर पांच दिवस कार्य दिवस आदि शामिल हैं. वहीं डाक कर्मियों की हड़ताल के चलते डाकघरों में लेन-देन सहित सभी सेवाएं प्रभावित होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य डाकघर एवं प्रमंडल कार्यालय, हजारीबाग में नंदन कुमार, श्याम सिन्हा, नवीन पांडेय, अखिलेश राम, रौशन सिंह, अमित मिश्रा, सुमंग डुंगडुंग, बबिता यादव, श्वेता कुमारी, डोरिस धान, अजय कुमार, निर्मल मिस्त्री, अर्जुन पांडेय, प्रकाश मिस्त्री, विनोद कुमार, ललन कुमार,जोगेश्वर प्रसाद, निरंजन पाठक, जितेंद्र कुमार, बीरेंद्र मेहता, जितेंद्र प्रताप सिंह, राजीव रंजन मिश्रा, राजीव कश्यप, संजय गुप्ता, मंगलदेव सिंह सहित काफी संख्या में डाक कर्मचारी उपस्थित थे.