डीसी ऑफिस के सामने अपने बदन पर डाला पेट्रोल, सुरक्षाकर्मियों ने रोका
डीसी ने सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत बेटा-बहू पर कार्रवाई के दिये निर्देश
Gaurav Prakash
Hazaribagh : हजारीबाग समाहरणालय परिसर स्थित डीसी कार्यालय के सामने बरकट्ठा निवासी तुलसी साहू ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की. दरअसल उसके बड़े बेटे राधेश्याम कुमार और उनकी पत्नी रीना देवी अपने बूढ़े मां-बाप को घर से बाहर निकाल दिया है. 15 मार्च 2023 को ही घर से बाहर निकाल देने के बाद उन्होंने हजारीबाग डीसी, एसपी, एसडीओ और थाना को भी आवेदन दिया. लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. अंत में उनके परिवार वालों ने उन्हें एक कमरे में रहने के लिए जगह दे दी. उस दिन से ही तुलसी साव और उनकी पत्नी गिरजा देवी पर मारपीट करने का दौर शुरू हो गया. आलम यह रहा कि आज सात जुलाई को फिर से उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें घर से निकाल दिया गया. परेशान होकर वे हजारीबाग डीसी कार्यालय पहुंचे और आत्मदाह करने की कोशिश की. डीसी कार्यालय में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उनकी जान बचाई, लेकिन यह बात आग की तरह सभी कार्यालय में फैल गई. हजारीबाग अपर समाहर्ता राकेश रोशन ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी ली और फिर डीसी को पूरी जानकारी दी. डीसी से मुलाकात करने के बाद अपर समाहर्ता राकेश रोशन ने बताया कि सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत उनके बेटे राधे श्याम कुमार और बहू रीना देवी पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.
सीएम से लेकर मानवाधिकार तक लगाई गुहार
तुलसी साहू ने जानकारी दी कि हजारीबाग डीसी को आवेदन देने के बाद एसपी को भी आवेदन दिया गया था. नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन की ओर से एक पत्र भी आया था और कहा गया था कि आठ सप्ताह के अंदर कार्रवाई करें. लेकिन समय बीतने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी पत्राचार किया है. लेकिन पत्र सिर्फ एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय तक घूमता रहा. उनके बेटे और बहू के साथ-साथ बहू के मायकेवालों ने भी मारपीट का दौर जारी रखा.
संपत्ति के लालच में बेटे-बहू पर करते हैं प्रताड़ित
तुलसी साहू प्राइवेट शिक्षक हैं और उन्होंने अपने पैसे से ही घर बनाया है. संपत्ति के लालच में उनके बेटे राधेश्याम कुमार उन पर ज्यादती कर रहे हैं. उनके छोटे बेटे रंजीत कुमार अपने पिता का साथ दे रहे हैं. उन्होंने भी डीसी कार्यालय में आकर आपबीती बताई और कहा कि बड़े भाई और उनकी पत्नी व उनके मायके के लोग पिता के साथ हमेशा मारपीट कर रहे हैं. बड़े भाई राधेश्याम ने अपनी पसंद से शादी की थी. 14 साल घर से बाहर रहे. घर में आने के बाद प्रॉपर्टी के लालच में माता-पिता को घर से बाहर निकाल दे रहे हैं. जब उन लोगों ने रोका, तो एक कमरा माता-पिता को रहने के लिए दे दिया. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता ने बेदखल नामा भी किया है.
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