सीएम से लेकर मानवाधिकार तक लगाई गुहार
तुलसी साहू ने जानकारी दी कि हजारीबाग डीसी को आवेदन देने के बाद एसपी को भी आवेदन दिया गया था. नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन की ओर से एक पत्र भी आया था और कहा गया था कि आठ सप्ताह के अंदर कार्रवाई करें. लेकिन समय बीतने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी पत्राचार किया है. लेकिन पत्र सिर्फ एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय तक घूमता रहा. उनके बेटे और बहू के साथ-साथ बहू के मायकेवालों ने भी मारपीट का दौर जारी रखा.संपत्ति के लालच में बेटे-बहू पर करते हैं प्रताड़ित
तुलसी साहू प्राइवेट शिक्षक हैं और उन्होंने अपने पैसे से ही घर बनाया है. संपत्ति के लालच में उनके बेटे राधेश्याम कुमार उन पर ज्यादती कर रहे हैं. उनके छोटे बेटे रंजीत कुमार अपने पिता का साथ दे रहे हैं. उन्होंने भी डीसी कार्यालय में आकर आपबीती बताई और कहा कि बड़े भाई और उनकी पत्नी व उनके मायके के लोग पिता के साथ हमेशा मारपीट कर रहे हैं. बड़े भाई राधेश्याम ने अपनी पसंद से शादी की थी. 14 साल घर से बाहर रहे. घर में आने के बाद प्रॉपर्टी के लालच में माता-पिता को घर से बाहर निकाल दे रहे हैं. जब उन लोगों ने रोका, तो एक कमरा माता-पिता को रहने के लिए दे दिया. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता ने बेदखल नामा भी किया है. इसे भी पढ़ें : सहकारिता">https://lagatar.in/mithali-sharma-assistant-registrar-of-cooperative-department-arrested-for-taking-10000-bribe/">सहकारिताविभाग की सहायक निबंधक मिताली शर्मा 10 हजार घूस लेते गिरफ्तार [wpse_comments_template]
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