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हजारीबाग : कटकमदाग के सीओ समेत 6 लोगों पर प्राथमिकी

दस्तावेज में छेड़छाड़ का लगा आरोप, कई संगीन धाराएं लगाई गईं Hazaribagh: कटकमदाग प्रखंड के अंचलाधिकारी (सीओ) शशि भूषण सिंह समेत छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी सूरज कुमार के हजारीबाग न्यायालय में परिवाद संख्या 514/2023 के आलोक में दर्ज की गया है. कटकमदाग थाने में दर्ज हुए मामले में धारा 420, 406, 466, 467, 468 /बी और 120बी लगाई गयी है. अंचलाधिकारी के अतिरिक्त सर्कल इंस्पेक्टर दिलीप कुमार गुप्ता, कर्मचारी राजेश्वर राम समेत गोपाल पांडे, पप्पू पांडे और अनंत मिश्रा को भी आरोपी बनाया गया है. इसे भी पढ़ें :सिमडेगा">https://lagatar.in/murder-of-two-real-brothers-in-simdega-accused-arrested/">सिमडेगा

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यह है पूरा मामला

मामला कटकमदाग प्रखंड के ग्राम लूटा के खाता नंबर 120, प्लॉट नंबर 736, 737, 738, 780 से जुड़ा हुआ है. आरोप है जमीन खतियान में छत्रपति सिंह के नाम से दर्ज है और यह जमीन बेलगान होने के कारण रजिस्टर्ड टू में दर्ज नहीं था. आरोप है कि शिकायतकर्ता ने इस प्लॉट में लगान लगाने के लिए उपायुक्त के पास अर्जी लगाई थी, जो प्रक्रियाधीन थी. साथ इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी अंचलाधिकारी को भी थी. आरोप में यह भी कहा गया है कि अंचलाधिकारी को सारी चीजों की जानकारी होने के बाद भी गलत तरीके से पहले तो छेदी पांडे के नाम से जमाबंदी की गई और फिर उसके नाम को हटा कर छोटन पांडे का नाम चढ़ा दिया गया. इसमें किसी भी सक्षम पदाधिकारी का निर्देश भी नहीं लिया गया. आरोप है कि इस पूरी जमीन को सारे नियम, कायदे-कानून को ताक पर रख ऑनलाइन कर दिया गया और रसीद लगान रसीद निर्गत कर दिया गया. गौरतलब है कि इसी प्लॉट पर पूर्व में उपायुक्त ने दस्तावेज में छेड़छाड़ को लेकर तत्कालीन प्रखंड कर्मियों पर प्राथमिकी करने का आदेश दिया था. अंचल अधिकारी ने डीसी के आदेश पर प्राथमिकी करना तो दूर, उसी जमीन को रजिस्टर टू में दर्ज भी किया और लगान रसीद काटने का निर्देश भी दे दिया. इसे भी पढ़ें :रामगढ़ः">https://lagatar.in/ramgarh-dsp-of-ats-who-went-to-arrest-the-criminal-of-aman-sahu-gang-was-shot/">रामगढ़ः

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क्या कहते हैं अंचल अधिकारी

मामले पर अंचलाधिकारी शशि भूषण सिंह ने बताया यह बहुत पुराना मामला है, जिसकी जानकारी उपायुक्त समेत सभी को है. उनसे पूर्व के अंचलाधिकारी के समय से ही रजिस्टर टू में जिनका नाम दर्ज है, उन्हीं के नाम से जमीन ऑनलाइन हुई है और लगान रसीद निर्गत करने का आदेश दिया गया है. जमीन पर कब्जा भी उन्हीं का है. उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह गलत है. मामला न्यायालय में है. इसलिए जो भी न्यायालय का फैसला होगा, वह स्वीकार होगा. [wpse_comments_template]

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