Hazaribagh : लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पांच बंदियों को 25 जून को रिहाई मिल गई. सजा पुनरीक्षण बोर्ड की बैठक 28 मार्च को हुई थी. इसमें राज्य के विभिन्न जिलों के कई बंदियों को रिहाई के लिए स्वीकृति मिली. उनमें हजारीबाग लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के भी पांच बंदी शामिल हैं. सभी बंदी हत्या के दोषी थे.
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जिनकी रिहाई हुई, उनमें कोडरमा जिले के सतगावां थाना क्षेत्र के खाब गांव निवासी झुमुक चमार और उन्हीं के परिवार से पारो चमार हैं. दोनों सतगावां थाना कांड संख्या 31/8 धारा 302, 34 के आरोप में पिछले 15 वर्षों से जेपी कारा में सजा काट रहे थे. इनके अलावा रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र के बड़गांव निवासी 80 वर्षीय भुनेश्वर भगत मांडू थाना कांड संख्या 302/2 धारा 302 के तहत पिछले 21 वर्षों से जेपी कारा में सजा काट रहे थे. गिरिडीह जिले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के हल्दी बेड़ा निवासी फुच्चू महली उर्फ रामबली महली पीरटांड़ थाना कांड संख्या 21/2006 धारा 302 के तहत पिछले 17 वर्षों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. गिरिडीह जिले के श्रीरामपुर थाना अंतर्गत गादी गांव निवासी चुल्हन रवानी कांड संख्या 235 / 7 धारा 302 के तहत पिछले 16 वर्षों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. सभी को कारा प्रशासन ने सम्मान पूर्वक रिहा किया. कारा अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने कहा कि इनकी रिहाई जेल में रहते हुए बेहतर आचरण प्रस्तुत करने का परिणाम है.
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