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हजारीबाग वन भूमि घोटाला :  पंचायती राज विभाग के उपनिदेशक शैलेश कुमार को एसीबी ने हिरासत में लिया

Ranchi :  हजारीबाग वन भूमि घोटाले में एसीबी ने बुधवार शैलेश कुमार को हिरासत में लिया है. फिलहाल एसीबी की टीम उनसे पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया जा सकता है.

 

घोटाले के समय सदर अंचल के सीओ थे शैलेश 

वर्तमान में शैलेश कुमार पंचायती राज विभाग में उपनिदेशक के पद पर पदस्थापित हैं. वन भूमि घोटाले के समय वो हजारीबाग जिले में सदर अंचल के सीओ के पद पर पदस्थापित थे. 

 

विनय सिंह व उनकी से  पत्नी से भी की जाएगी पूछताछ

वन भूमि घोटाले में गिरफ्तार हो चुके विनय कुमार सिंह को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. एसीबी को विनय कुमार सिंह के ठिकानों से छापेमारी के दौरान कई जमीनों की डीड समेत अन्य दस्तावेज मिले हैं.

 

वहीं विनय कुमार चौबे के डीसी रहने के दौरान दस्तावेजों का हेरफेर कर जमाबंदी कराई गई थी. इस मामले में प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर दोनों आरोपियों से पूछताछ होगी. एसीबी ने इस केस में विनय कुमार सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह को भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है.

 

 विनय चौबे ने सीओ अलका कुमारी को ऑफिस बुलाकर कराया था म्यूटेशन

गौरतलब है कि बीते सात अक्तूबर को हजारीबाग एसीबी की विशेष कोर्ट में एडीएम रैंक की अफसर अलका कुमारी का बयान दर्ज करवाया गया है. अलका कुमारी पूर्व में हजारीबाग जिले में सदर सीओ के पद पर पदस्थापित रह चुकी हैं.

 

उन्होंने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2010 में जब वह हजारीबाग जिले में सदर सीओ के पद पर पदस्थापित थीं, उस दौरान एक दिन तत्कालीन DC विनय चौबे ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया. जब वह डीसी के कार्यालय पहुंची तो वहां एक व्यक्ति पहले से बैठा हुआ था.

 

बयान में अलका कुमारी ने कहा है कि विनय चौबे ने उस व्यक्ति का परिचय कराया और नाम विनय सिंह बताया. इसके बाद अलका कुमारी को एक दस्तावेज दिया गया और दाखिल खारिज (म्यूटेशन) करने की बात कही गई.

 

विनय चौबे ने राजस्व कर्मी को जांच रिपोर्ट देने का दिया था आदेश 

दस्तावेज का निरीक्षण करने पर पता चला कि 72 डिसमिल भूमि रैयती खाते की थी और 28 डिसमिल भूमि गैरमजरुआ खास किस्म की भूमि थी. अलका कुमारी ने विनय चौबे को यह बताया कि गैरमजरुआ खास किस्म की भूमि का म्यूटेशन करना नियमसंगत नहीं है.  इसके बाद विनय चौबे ने राजस्व कर्मचारी संतोष कुमार वर्मा को बुलाया और जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया.

 

 

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