मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मोबाइल लाइट में किया जा रहा इलाज
ट्रॉमा सेंटर में कुव्यवस्था का आलम, वार्ड बॉय से लेकर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं मोबाइल के लाइट में
Hazaribagh: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कुव्यवस्था चरम सीमा पर है. आलम यह है कि ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टर मोबाइल के लाइट में इलाज करते नजर आए. दरअसल पूरे हजारीबाग में मुहर्रम जुलूस को लेकर बिजली काट दी गई है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी बिजली नहीं है. यहां के डॉक्टर मोबाइल की लाइट में इलाज कर रहे हैं. जहां दुर्घटना में आए मरीज का ड्रेसिंग भी मोबाइल लाइट में किया जा रहा था.
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मोबाइल लाइट में ड्रेसिंग
जिस मरीज का इलाज मोमबत्ती लाइट में हो रहा है वह एक नाबालिग बच्चा है. वह 8 साल का है. बताया जाता है कि पेलावल रोमी निवासी बच्चे के ऊपर ईंट गिर गया था. जिसे आनन-फानन में उनके परिजनों ने अस्पताल लाया और उसका इलाज ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा था. ट्रामा सेंटर में पदस्थापित वार्ड बॉय ने स्थिति को देखते हुए अपने मोबाइल लाइट से ही ड्रेसिंग करना शुरू कर दिया तो दूसरी और वहां पदस्थापित डॉक्टर भी अपने मोबाइल लाइट से ही चित्र बनाते हुए नजर आए. इस दौरान लगभग 3 मरीज का ड्रेसिंग मोबाइल लाइट में किया गया.
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मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ : रंजन चौधरी
वहीं हजारीबाग के ही युवक रंजन चौधरी एक मरीज के सहयोग के लिए अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि संसाधन और संसाधन की कमी नहीं होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही है. मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, कोडरमा से मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस की व्यवस्था से सवालिया निशान खड़ा होता है. रंजन चौधरी सदर विधायक मनीष जयसवाल के प्रेस सलाहकार भी हैं. वो हमेशा अस्पताल की खामियां और उपलब्धियों के बारे में लोगों को जानकारी भी देते रहे हैं.