8.30 करोड़ रुपये की लागत से बना है आईटीआई कॉलेज का भवन
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी के संसदीय क्षेत्र इचाक प्रखंड के बोगा गांव में साढ़े आठ करोड़ की लागत से आईटीआई भवन बनाया गया है. यह भवन करीब 10 साल पहले ही बनकर तैयार हो गई थी. दस साल बीतने के बाद भी आज तक यहां आईटीआई की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. बता दें कि मार्च 2013 में राज्य के तत्कालीन राज्यपाल सैय्यद अहमद, कोडरमा के तत्कालीन सांसद बाबूलाल मरांडी ने आईटीआई भवन निर्माण की आधारशिला ढाई एकड भूमि में रखी थी. करीब डेढ़ साल में यह भवन बनकर तैयार हो गया था. मगर स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार की उदासीनता की वजह से आज तक यहां पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी.
आधारशिला रखे जाने के दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि इचाक में आईटीआई कॉलेज खुलने से यहां के युवकों को प्रशिक्षण मिल सकेगा, जिससे युवा रोजगार से जुड़ सकेंगे. मगर न कॉलेज में पढ़ाई शुरू हुई, न युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार मिल सका.
साल 2019 में अन्नपूर्णा देवी कोडरमा की सांसद बनी. उन्हें केंद्र सरकार ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री बनाया. लोगों में एक उम्मीद जगी कि शायद अब 10 साल पहले बने भवन में आईटीआई की पढ़ाई शुरू हो सकेगी. उनका पांच साल का कार्यकाल भी खत्म होने वाला है, मगर यहां आईटीआई की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. इस भवन में अब दीनदयाल उपाध्याय के नाम से सिलाई कढ़ाई का कोर्स एक निजी कंपनी करा रही है.
क्या कहते हैं छात्र
इस संबंध में मारखम कॉलेज के पास रहने वाली सुमन कुमारी बताती है कि हम गरीब आदिवासी परिवार से आते हैं. हमारी शिक्षा सरकारी कॉलेज और स्कूल पर ही आश्रित है. प्राइवेट कॉलेज और स्कूल का फीस देने लायक हमारी आर्थिक स्थिति नहीं है. हजारीबाग में सिर्फ एक आईटीआई कॉलेज है, जिसमें समय से पहले ही सीट फुल हो जाता है. जिस वजह से कई तेज-तर्रार बच्चे टेक्निकल शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. अगर इचाक में बना आईटीआई कॉलेज चालू होता तो आज हम भी डिग्रीधारी होते और अब तक रोजगार भी मिल गया होता.
इस संबंध में बोगा के एक विद्यार्थी दीपक कुमार ने बताया कि अभी हम 12th के छात्र हैं. जिस समय गांव में आईटीआई कॉलेज बन रहा था, उस वक्त हम तीसरी क्लास के विद्यार्थी थे. जब पढ़ाई का महत्व समझ में आने लगा तो लगा कि अब गांव में ही आईटीआई कॉलेज बन रहा है, हमलोग पढ़ पाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बिल्डिंग तो बन गया, मगर यहां पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. आज मजबूरन डिग्री के लिए प्राइवेट कॉलेज में नामांकन के लिए चक्कर काट रहे हैं.
वहीं इस संबंध में देवाशीष कुमार ने बताया कि ग्रेजुएशन पूरा हो चुका है. रोजगार की तलाश कर रहे हैं. जिस क्षेत्र में जाते हैं, पहले टेक्निकल डिग्री है पूछा जाता है. अगर इचाक का आईटीआई कॉलेज चालू होता तो आज हमारे पास भी डिग्री होती और कहीं न कहीं रोजगार में होते.
झूठ बोलते हैं नेता
इस संबंध में 12वीं कक्षा के छात्र विकास उरांव ने कहा कि हम विद्यार्थियों से नेता-मंत्री झूठ बोलकर अपनी रोटी सेकते हैं. उन्हें छात्रों की कोई चिंता नहीं होती है, अगर ऐसा होता तो 10 साल पहले बना इस भवन में आईटीआई की पढ़ाई शुरू हो गई होती.
कांग्रेस के प्रमंडलीय अध्यक्ष डॉ. आरसी प्रसाद मेहता बोले…
कांग्रेस के प्रमंडलीय अध्यक्ष डॉ. आरसी प्रसाद मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा बोगा में तत्कालीन सांसद बाबूलाल मरांडी एवं राज्यपाल के द्वारा इसका शिलान्यास किया गया था. यह भवन 5-7 वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो गया था. मगर यहां पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. इसको लेकर केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी को उद्घाटन मांग पत्र सौंपा गया था, मगर कुछ नहीं हुआ. झारखंड में ऐसे संस्थान सैकड़ों हैं, जो वर्षों से उद्घाटन की बाट जोह रहा है.
क्या कहते हैं सांसद प्रतिनिधि
प्रखंड सांसद प्रतिनिधि भागवत प्रसाद मेहता ने कहा कि 10 साल पहले बनकर तैयार भवन में पढ़ाई शुरू नहीं होना चिंताजनक बात है. प्रखंड स्तर पर अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने के मकसद से बोंगा में आईटीआई कॉलेज का निर्माण कराया गया था.
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