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हजारीबाग : जेल अधीक्षक ने नहीं दी आरटीआई से मांगी गई पूरी जानकारी

सवाल करने के तरीके को गलत बता आवेदन को किया अस्वीकृत गृहकारा संयुक्त सचिव ने जवाब के तरीके को किया खारिज आवदेक ने जेल अधीक्षक से मांगे थे 27 सवालों के जवाब Hazaribagh: लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार में बरती गई अनियमितता पर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं. जीतेंद्र सिंह ने भी आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. यह वही जानकारी है, जिस पर ‘शुभम संदेश’ दैनिक अखबार प्रमुखता के साथ लगातार खबरें प्रकाशित कर रहा है. हैरत की बात यह है आरटीआई के तहत जो जानकारी मांगी गई थी, वह महीनों बीत जाने के बाद भी आवेदक को नहीं दी जा सकी है. जेल अधीक्षक सह जनसूचना पदाधिकारी से आरटीआई के तहत जो जानकारी मांगी गई थी, उस पर उन्होंने कुछ बातें साझा तो की, लेकिन आरटीआई के तहत सवाल करने के आवेदक के तरीके को ही गलत बता दिया. जब आवेदक ने उन्हीं सवालों को लेकर प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के पास अपील की, तो वहां जेल अधीक्षक द्वारा दिए गए जवाब के तरीके को ही खारिज कर दिया. इसे भी पढ़ें :पुलिस">https://lagatar.in/many-important-news-from-palamu-including-five-youtubers-jailed-for-assault-and-bullying-by-police/">पुलिस

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सीसीटीवी फुटेज की मांग, बंदी की हो गई थी मौत

अपीलीय पदाधिकारी सह संयुक्त सचिव गृहकारा ने कहा कि आवेदन गलत आधार पर अस्वीकृत कर दिया गया है. आवदेक जीतेंद्र सिंह ने जेल अधीक्षक सह जनसूचना पदाधिकारी से कुल 27 सवालों के जवाब मांगे थे. इसमें जेल में सोलर पैनल में कितना खर्च किया गया है, उसकी स्थिति क्या है और वह क्यों नहीं काम कर रहा है. सुरक्षा के लिए जेल में फेंसिंग की गई है, इसमें कितने पैसे खर्च किए गए हैं. फेंसिंग लगाने में कितना तार लगा है. शौचालय बनाने के लिए जेल प्रबंधन को पैसे दिए गए, उस पैसे से कितना शौचालय बना और उसकी स्थिति क्या है. जेल में वायरिंग पंखा और लाइट लगाने के लिए पैसे आवंटित किए गए थे. उस पैसे का उपयोग कहां किया गया है. कितने पंखे और लाइट लगाए गए हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की भी मांग की है, जिसमें एक बंदी मरीज की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/09/rti-jail_459-1.jpg"

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पूछताछ में कैदी ने नहीं दी जानकारी : जेल अधीक्षक

जेल अधीक्षक सह जनसूचना पदाधिकारी ने 21 जनवरी को सवाल का जवाब दिया कि 23.12.2022 को रजिस्टर्ड पोस्ट से आरटीआई के तहत 27 सवालों का जवाब मांगा गया था. उसमें कहा गया है 31 जुलाई 2022 को विचाराधीन कैदी मुंशी महतो ने किसी भी तरह की शिकायत या समस्या लिखित या मौखिक रूप से कार्यालय को नहीं दिया था. जब उस कैदी से पूछताछ की गई, तो उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी. इसे भी पढ़ें :धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-two-pickup-vans-loaded-with-cattle-were-caught-and-handed-over-to-the-police/">धनबाद

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आरटीआई में मिला अचंभित करने वाला जवाब

एक सवाल के जवाब में जेल अधीक्षक सह जनसूचना पदाधिकारी ने जानकारी दी कि तीन और चार अप्रैल 2022 की घटना को लेकर जीतेंद्र सिंह ने जानकारी मांगी थी. उस वक्त आरटीआई के आवेदक जीतेंद्र खुद ही विचाराधीन कैदी थे. लेकिन, उन्होंने उस घटना के बारे में उस वक्त जेल अधीक्षक सह जनसूचना पदाधिकारी को जानकारी क्यों नहीं दी? वहीं आरटीआई में जो एक जवाब दिया गया है, वह अचंभित करने वाला है. उसमें कहा गया है कि सूचना की मांग एकमात्र विषय से संबंधित होनी चाहिए और डेढ़ सौ से अधिक शब्दों में सवाल नहीं होने चाहिए. [wpse_comments_template]

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