हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में नेताओं और कार्यकर्ताओं का इधर से उधर होने का सिलसिला तेज
Pramod Upadhyay
Hazaribagh: हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, नेताओं और कार्यकर्ताओं का इधर से उधर होने का सिलसिला तेज हो गया गया है. भाजपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पार्टी और अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस को झटका लगा है. इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश भाई पटेल के जीजा शिवपाल महतो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और विकास कार्यों की तारीफ करते हुए अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. बता दें कि क्षेत्र में 20 मई को मतदान होना है. ऐसे में प्रत्याशी जनादेश को अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी का भी सामना कर रहे है. कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता प्रत्याशी के कार्यशैली से नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि वे खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं, लेकिन अपने प्रत्याशी से दूरी बनाकर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं.
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देश को अगर बचाना है तो नरेंद्र मोदी को जिताना होगा : महतो
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी जेपी पटेल के जीजा शिवलाल महतो के भाजपा में शामिल होने से भाजपा को कुछ नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने के नैरेटिव को बदलने में कामयाबी मिली है. महतो ने रविवार को लक्ष्मी सिनेमा हॉल कैंपस में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर बताया कि नरेंद्र मोदी भारत का पहला प्रधानमंत्री है जो गरीबों की मदद कर रहे हैं. वह पूरे देश में गैस सिलेंडर, स्वास्थ्य बीमा, जनधन खाता जैसे कई अभूतपूर्व काम आम लोगों के लिए किये हैं और उनके कार्यों को देखकर लगा कि ऐसे प्रधानमंत्री को सहयोग करना चाहिए. महतो ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि देश को अगर बचाना है तो देश के सच्चे सिपाही नरेंद्र मोदी को जिताना होगा, तभी देश का विकास भी होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो जो भाजपा कार्यकर्ता पुराने थे उनके पार्टी छोड़ने की खबर आ रही थी, लेकिन सच्चाई यह है कि वे यशवंत सिन्हा के दबाव में पार्टी छोड़ रहे थे. यशवंत सिन्हा चाहते थे कि भाजपा हमारी अपनी पार्टी है. हम काम करें तो ठीक, नहीं भी कम करें तो हमारी आने वाले पीढ़ी को टिकट मिलता रहे, लेकिन इस बार उनके मंसूबे पर पानी फिर गया. यही कारण है कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं पर पार्टी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं. प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा के जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह, बटेश्वर मेहता, पूर्व जिला अध्यक्ष टुन्नू को, शशी भगत, रामगढ़ प्रभारी टाइगर, शहीद कई लोग शामिल थे.
जेपी की कार्यशैली से नाराज इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता
वहीं इस संबंध में नाम नहीं छापने की शर्त पर झामुमो, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी के दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे इंडिया गठबंधन के साथ जुड़े हुए हैं और काम भी कर रहे हैं. जब जरूरत होती है तो झंडा-बैनर लेकर निकलते हैं, लेकिन गठबंधन के प्रत्याशी की कार्यशैली कुछ अच्छी नहीं है. वह खुद को तीस मार खान समझ रहे हैं और केवल जाति समीकरण और मुस्लिम वोट पर जीत का दावा ठोक रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि हम बिना गठबंधन से जुड़े कार्यकर्ताओं की मदद के चुनाव जीत सकते हैं. यहां तक कि अब उनके रिश्तेदार भी प्रत्याशी से दूरी बना रहे हैं और पार्टी छोड़कर भाजपा को समर्थन दे रहे हैं. ऐसे में यह चुनाव अगर गठबंधन हार जाता है तो इसका दोषी कार्यकर्ता बल्कि खुद प्रत्याशी होंगे.
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