: बेनामी संपत्ति के मामले में गैंगस्टर अखिलेश और गरिमा सिंह बरी
फीस भी लिए गए, कक्षाएं भी कीं फिर भी रोक
इस संबंध में बताया गया कि एक जांच कमेटी बनाई गई और जांच कमेटी ने दोषी को उस कार्य से दूर रखा है. जब दोषी को दंड दिया जा चुका है, तो ऐसे में बच्चों को नामांकन विधिवत होने के बावजूद निबंधन कार्य से रोकना और परीक्षा फॉर्म से वंचित करना न्याय हित में नहीं प्रतीत होता है. कॉलेज के दो लिस्ट जारी होने के बाद कोई भी लिस्ट विश्वविद्यालय ने जारी नहीं किया. फिर लॉ कॉलेज ने विद्यार्थियों से 18000 रुपए फीस भी लिया है. विद्यार्थियों ने पूरी कक्षाएं भी कीं. उसके बाद विद्यार्थियों का परीक्षा फॉर्म भरने से रोका जाना कहां तक जायज है. इसे भी पढ़ें :धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-hospital-management-is-not-giving-medicine-to-sanjeev-singh-admitted-in-rims-advocate-javed/">धनबाद: रिम्स में भर्ती संजीव सिंह को दवा नहीं दे रहा अस्पताल प्रबंधन- अधिवक्ता जावेद [wpse_comments_template]
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