साल में सिर्फ तीन परियोजनाएं पूरी, कछुए की चाल में रांची कब बनेगी स्मार्ट सिटी
चार विदेशी कैदी 2016 में पकड़े गए थे, तीन हो गए फरार
जानकारी के अनुसार, पाकुड़ के बड़हरवा के पास रेल टिकट जांच में चार विदेशी कैदी 2016 में पकड़े गए थे. जांच में इनके पास से भारत में प्रवेश करने के वैध कागजात नहीं थे. यही कारण है कि इन्हें कोर्ट ने तीन साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गयी थी. पैसा न देने की स्थिति में इन्हें छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी थी.पाकुड़ से चारों कैदी मार्च 2019 में हजारीबाग जेल लाए गए थे. इनकी सजा 2020 जनवरी में पूरी हो गयी थी. पिछले एक साल से विदेशी दूतावास से संपर्क कर इन्हें वापस भेजा जाना था. लेकिन विदेशी शाखा की लापरवाही और प्रशासनिक सुरक्षा में चूक के कारण दोनों विदेशी रोहिंग्या नागरिक बीते नौ मार्च को फरार हो गए. इससे पहले भी 13 सितंबर 2020 को एक कैदी फरार हो गया था.जेल की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर फरार हो रहे कैदी
जेल की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर जेल में बंद कैदी फरार हो रहे हैं. गौरतलब है कि राज्य के अलग-अलग जेलों में बंद अपराधियों के द्वारा रंगदारी मांगना या फिर गांजा तो कभी नगदी और मोबाइल जैसी वस्तुएं बरामद होने की खबरें तो आती रहती है. पर दिन दहाड़े हाई सिक्योरिटी जोन से कैदी फरार हो जाने की घटना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं. वो भी उस समय जब जेल परिसर में चारों ओर सुरक्षकर्मी तैनात हो और जेल परिसर क्षेत्र में आने के लिए जांच से गुजरना पड़ता हो. इसके बाद भी जेल से कैदी फरार हो जा रहे हैं. हाल के महीनों में झारखंड के अलग-अलग जेलों से कैदी के भागने की तीन घटनाएं हो चुकी हैं. जिनमें चार कैदी फरार हो गये. इसे भी पढ़ें - सदन">https://lagatar.in/in-the-house-ministers-are-troubled-by-incomplete-answers-of-departments-and-lack-of-preparation/36248/">सदनमें विभागों के अधूरे जवाब और तैयारी की कमी से हो रही मंत्रियों की फजीहत

Leave a Comment