Ranchi/Hazaribagh : एनटीपीसी कोयला परियोजना केरेडारी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या हुए 14 दिन हो गये हैं. लेकिन अब तक इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों का कोई सुराग नहीं पाया है.
वहीं किसने इस घटना को अंजाम दिलवाया है, इसके बारे में भी पुलिस को कोई सही जानकारी नहीं मिल पायी है. एसआईटी की टीम डीजीएम कुमार गौरव हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में लगी हुई है.
हत्या के दिन से ही टीम राज्य के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी करने के साथ बिहार और यूपी भी गयी. लेकिन उनके हाथ क्या लगा है, यह साफ नहीं हो सका है.
बता दें कि बीते आठ मार्च को एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह घटना हजारीबाग जिले के कटकमदाग थाना क्षेत्र के फतहा चौक के पास हुई थी.
पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं
हत्या के दिन से लेकर आज तक पुलिस किसी भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. अब तक कयास के आधार पर ही जांच चल रही है.
अब तक की जांच में पुलिस इस बात को समझने की कोशिश कर रही है कि कहीं एनटीपीसी के अन्य कर्मी को कहीं से धमकी मिली हो या विवाद हो, जिसका खामियाजा गौरव को भुगतना पड़ा.
पुलिस ने अब तक जिन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है, उनमें एनटीपीसी के केमिस्ट संवेदक मोहम्मद जावेद और उनके ड्राइवर भी शामिल हैं.
कोयला डिस्पैच और ट्रांसपोर्टेशन का काम पर पड़ा था असर
डीजीएम गौरव हत्याकांड का असर कोल ट्रांसपोर्टेशन में भी देखने को मिला था. केरेडारी चट्टी बरियातू, पकरी बरवाडीह सहित कई इलाकों में कोयला डिस्पैच और ट्रांसपोर्टेशन का काम कई दिनों तक बंद रहा. कुमार गौरव नालंदा बिहार के रहने वाले थे. एनटीपीसी पदाधिकारी की हत्या के बाद प्रशासन पर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ था.