Hazaribagh: हजारीबाग के ग्रामीण इलाकों में मरीजों को सदर अस्पताल तक पहुंचाने का जिम्मा ममता वाहन को दिया गया है. ममता वाहन ने कोरोना के समय बेहतरीन सेवा दी थी, लेकिन अब वे सेवा देने मे अपने आप को असमर्थ बता रहे हैं. अब आंदोलन करने की बात कह रहे हैं. दरअसल इन्हें 8 महीने से भुगतान नहीं किया गया है. उनका कहना है कि हमलोगों को वाहन चलाना संभव नहीं है. अगर हमारा बकाया नहीं मिला तो हमलोग 15 जनवरी से सेवा देना बंद कर देंगे. बता दें कि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में ममता वाहन का महत्वपूर्ण योगदान है. लेकिन अब ममता वाहन सेवा देने की स्थिति में नहीं है.
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लगभग 25 ममता वाहन का पैसा का भुगतान पिछले 8 महीने से नहीं हुआ है. जिस कारण चालक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि गाड़ी चलाने में तेल की जरूरत पड़ती है. हमलोग अब तेल खरीदने की स्थिति में भी नहीं हैं. हजारीबाग सदर और कटकमसांडी के ममता वाहन चालकों को पैसा भुगतान नहीं किया जा रहा है. प्रत्येक चालक का लगभग 4 लाख बकाया हो गया है. ममता वाहन चालक कहते हैं कि कोरोना काल में भी हमलोगों से बहुत काम लिया गया. संक्रमित मरीजों को ठीक होने के बाद उनके घरों में पहुंचाने का काम हमने किया. यही नहीं हमलोगों ने इसके अलावा भी कई काम संक्रमण के दौरान किये. हमारे किये गये काम को अब विभाग भूल गई है. ना ही पदाधिकारी हमलोगों से बात करना चाहते हैं और न हीं हमलोगों को भुगतान करना चाहते हैं.
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