Hazaribagh : हजारीबाग के अन्नदा कॉलेज में समाजशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. किशोर कुमार अखौरी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. दरअसल उन्हें 10 माह पहले कॉलेज के शासी निकाय की बैठक में अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया. इसके साथ ही प्रबंधन की ओर से एक जुलाई से उनकी सेवा कॉलेज से समाप्त कर दी गई. इस संबंध में डॉ. अखौरी ने बताया कि उन्होंने यह आवाज उठाई थी कि कॉलेज में यूनिवर्सिटी और टीचर रिप्रेजेंटेटिव (यूआर और टीआर) होना चाहिए. टीचर रिप्रेजेंटेटिव निर्वाचित होना चाहिए. इससे शिक्षकों की समस्याओं को उठाने का उचित मंच मिल पाएगा. इसी बात पर प्रबंधन ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव शासी निकाय के माध्यम से ले लिया. उन्होंने शिक्षकों के हक में आवाज बुलंद की थी. इसमें अनुशासन तोड़ने वाली कोई बात नहीं थी. अन्नदा कॉलेज में इलेक्टेड टीआर और यूआर नहीं होने की शिकायत विनोबाभावे विश्वविद्यालय से लेकर राजभवन और सरकार तक गई हुई है. इस बारे में विनोबाभावे विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि अगर डॉ. केके अखौरी आवेदन देंगे, तो मामले की जांच की जाएगी. इधर डॉ. अखौरी ने बताया कि उन्होंने रजिस्ट्रार से इस संबंध में बात की है. पूरे मामले पर अन्नदा कॉलेज के प्राचार्य इंद्रमणी मुखर्जी का कहना है कि कॉलेज की स्थापना काल में ही सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ था कि यहां मनोनीत शिक्षक प्रतिनिधि होंगे. शिक्षक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय शासी निकाय का है. इस बारे में कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि किसी भी कॉलेज के लिए यूआर और टीआर होना ही चाहिए. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-officers-and-employees-took-oath-of-cleanliness-in-national-statistics-office/">जमशेदपुर
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हजारीबाग :आवेदन मिलने पर शिक्षक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के मामले की होगी जांच : रजिस्ट्रार

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