समारणालय गेट के सामने शव के साथ परिजनों संग ग्रामीणों का प्रदर्शन हत्याकांड में स्थानीय एक निजी कोल उत्खनन कंपनी का बताया हाथ प्रशासन के आश्वासन के बाद ढाई घंटे के बाद उठा मोहन महतो का शव Hazaribagh : बड़कागांव थाना क्षेत्र के जोराकाट जंगल से गोंदलपुरा के पंचायत समिति सदस्य मोहन महतो का शव बरामद होने से लेकर 36 घंटे तक आंदोलन चला. उनकी हत्या किए जाने की बात कह परिजन और ग्रामीणों ने मृतक के शव के साथ दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय ग्रामीण और उनके परिजन शव के साथ समारणालय गेट के सामने घंटों जमे रहे. ग्रामीण और स्थानीय लोग मामले की निष्पक्ष जांच और मुआवजा देने की मांग करते रहे. इस हत्याकांड में एक स्थानीय निजी कोल उत्खनन कंपनी का हाथ बताया. समारणालय गेट के निकट धरना देने के वक्त सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम किया गया. प्रशासन की ओर से सदर सीओ राजेश कुमार को मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया गया था. इसे भी पढ़ें :
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बागमती नाव हादसा, अबतक मिले तीन शव डीसी से नहीं हुई मुलाकात, काफी समझाने के बाद धरना समाप्त
परिजन इस बात को लेकर अड़े रहे कि उपायुक्त से मुलाकात कर अपनी बातें रखनी हैं. उपायुक्त से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, दरअसल वह किसी काम से रांची गई हुई हैं. आवेदन उपायुक्त कार्यालय में जमा किया गया. सदर सीओ और कोर्रा थाना प्रभारी उत्तम कुमार ने ग्रामीणों को समझाया, तब जाकर धरना समाप्त हुआ. पुर्वाह्न 11:00 बजे ग्रामीण शव के साथ समारणालय परिसर पहुंचे थे. लगभग 2:00 बजे के आसपास शव उठाया गया. दरअसल गुरुवार की सुबह पंचायत समिति सदस्य मोहन महतो का शव बरामद किया गया था. दिनभर इस घटना का विरोध हुआ था. देर शाम प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मदद से शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. शुक्रवार को परिजनों को शव सौंपा गया. परिजन शव लेकर समारणालय परिसर पहुंच गए. इसे भी पढ़ें :
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: दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों में एनआईटी जमशेदपुर के आठ प्रोफेसर शामिल पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए : बीपी मेहता
प्रदर्शन के दौरान हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने घटना पर दु:ख जाहिर किया कि एक जनप्रतिनिधि की हत्या कर दी जा रही है. प्रशासन मौन बैठा है. उन्होंने भी इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है. [wpse_comments_template]
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