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लूट की घटना के बाद थानेदार ने नहीं उठाया फोन, कर दिया स्वीच ऑफ
Hazaribagh : हजारीबाग के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के डेमोटांड़ स्थित मदर हेचरी में रविवार की रात करीब 12:30 बजे 12 अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने लगभग छह लाख रुपए की लूट की घटना को अंजाम दिया है. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य साजिशकर्ता राहुल कुमार उर्फ मोनू समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया है. मोनू मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुकुंदगंज का रहने वाला है. वहीं अकबर अली और सैफुल शेख जो देवघर का रहने वाला है उसे भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.
हजारीबाग पुलिस ने घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त गाड़ी जेएच 11ई 6293 को भी जब्त किया है. पुलिस ने अभियुक्तों के पास से लूट के 9300 रुपए बरामद किया है. साथ ही तीन एंड्राइड और चार कीपैड मोबाइल भी बरामद किया गया है.
बताया जाता है कि सभी अपराधी नकाब पहने हुए थे. डेमोटांड़ मदर हेचरी हरियाणा की कंपनी काम करती है. उसी कंपनी के कर्मियों से लूट हुई है. लूट के बाद पूरे इलाके में अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दी गई है.
मामले में पुलिस ने किसी भी तरह का बयान देने से बच रही है. हेचरी के मालिक बहादुर सिंह ने इस घटना की पुष्टि की है. बहादुर सिंह ने यह भी जानकारी दी है कि पैसे की रिकवरी नहीं हुई है. जिन आरोपियों को पकड़ा गया, उनके पास से महज 10 हजार रुपए ही बरामद किए गए हैं.
सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही पुलिस, पास में है यशवंत सिन्हा का आवास, रहती है कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
हजारीबाग के डेमोटांड़ स्थित डेंटल कॉलेज के निकट मदर हेचरी है. अपराधियों ने मेडिकल कॉलेज के पास ही घटना को अंजाम दिया. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को पुलिस खंगाल रही है. डेमोटांड़ हजारीबाग का इंडस्ट्रियल एरिया माना जाता है. यहां देश के पूर्व वित्त सह विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा और हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा का आवास भी है. यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम है. इसके बावजूद अपराधियों ने घटना को अंजाम देकर पुलिस को बड़ी चुनौती दी है.
मोबाइल स्वीच ऑफ रखते हैं मुफस्सिल थाना प्रभारी
मुफस्सिल थाना का सरकारी मोबाइल नंबर 9431706309 है. इस घटना को लेकर थाना प्रभारी बजरंग महतो को कई बार फोन किया गया, लेकिन जवाब नहीं देकर फोन स्विच ऑफ कर दिया. यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी जब थाना क्षेत्र में घटी घटना के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया गया, तो थाना प्रभारी ने फोन उठाना उचित नहीं समझा. ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आमतौर पर सरकारी नंबर आम जनता को उपलब्ध कराया जाता है, ताकि घटना घटने पर पुलिस को जानकारी दी जा सके. अगर फोन ही ऑफ रहे, तो आम जनता घटना घटने के बाद जानकारी कैसे देगी, यह बड़ा सवाल है.
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