Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को कटिहार के डीएम और साहिबगंज के उपायुक्त को अदालत के आदेश का पालन नहीं करने पर 18 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कटिहार के डीएम उदयन मिश्रा और साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव से जानना चाहा है कि क्या वे कोर्ट की अवमानना के लिए जिम्मेदार हैं. पिछले साल अक्टूबर में, खंडपीठ ने प्रकाश चंद्र यादव को गंगा नदी पर अपने मालवाहक जहाज को संचालित करने की अनुमति देने का आदेश पारित किया था. याचिकाकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि अदालत के आदेश के बावजूद उन्हें अलग तरह से काम करने की अनुमति नहीं दी गई. याचिकाकर्ता ने जिला प्रशासन पर पंकज मिश्रा के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया है, जो झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि हैं. खंडपीठ ने जय बगरंग बली स्टोन वर्क्स के मालिक प्रकाश चंद्र यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है.
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उन्होंने एक याचिका दायर की थी क्योंकि जिला प्रशासन द्वारा समदा घाट (साहिबगंज,झारखंड) और मनिहारी घाट (कटिहार,बिहार) के बीच गंगा नदी में उनके मालवाहक जहाज के संचालन की अनुमति दी थी. बावजूद इसके रोल-ऑन/रोल-ऑफ था. (रो-रो) भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) से संचालन की अनुमति नहीं थी. IWAI ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा जहाजों का संचालन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम,1985,राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम,2016,अंतर्देशीय पोत अधिनियम,1917 के प्रावधानों के साथ-साथ भारत सरकार में लागू कानूनों के अनुसार किया जाएगा. इसके अलावा,संथाल परगना डिवीजन के आयुक्त ने यह भी निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता अपने स्वामित्व वाले या वैध समझौते के तहत अपने कितने भी जहाजों/रो-रो जहाजों/बार्जों की फेरी लगा सकता है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के स्पष्ट और स्पष्ट आदेश के बावजूद साहिबगंज और कटिहार जिला प्रशासन ने याचिकाकर्ता को मालवाहक जहाज संचालित करने की अनुमति नहीं दी. और जब झारखंड उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में आदेश पारित किया,तो दोनों जिला प्रशासन ने बाधा उत्पन्न की. इसलिए वह काम करने में असमर्थ हैं और उनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता विमल कीर्ति सिंह ने अदालत में पक्ष रखा.