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अनुराग गुप्ता केस में HC का निर्देश: ऑडियो की FSL जांच करानी हो तो समय सीमा के अंदर कोर्ट में आवेदन दें IO

Ranchi: राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कांग्रेस के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी और एडीजी अनुराग गुप्ता के बीच हुई बातचीत की कथित रिकॉर्डिंग की जांच की सकती है.झारखंड हाईकोर्ट ने इस केस के अनुसंधान अधिकारी से कहा है कि यदि वे जरूरी समझें और जांच के दौरान एफएसएल जांच करानी हो तो इसके लिए वे समय सीमा के अंदर कोर्ट में आवेदन से सकते हैं. एडीजे अनुराग गुप्ता ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर कहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग मामले में उनके खिलाफ बातचीत की है. उसकी वैधता की जांच नहीं की जा रही है. इसके लिए वे कई बार आग्रह कर चुके हैं, लेकिन फॉरेंसिक जांच नहीं की जा रही है. इसकी जांच जरूरी है। इस पर जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस केस के अनुसंधान अधिकारी को उपरोक्त निर्देश दिया. [caption id="attachment_27036" align="aligncenter" width="606"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/02/34cc05df-f83c-4a32-bb52-e89e9dbf5446.jpg"

alt="आदेश" width="606" height="1280" /> अनुराग गुप्ता केस में झारखंड हाईकोर्ट का निर्देश[/caption] इसे भी पढ़ें- शपथपत्र">https://lagatar.in/on-delay-in-affidavit-the-high-court-ordered-the-building-construction-secretary-to-deposit-rs-1000-in-jhalsa-fund/27011/">शपथपत्र

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बता दें निलंबित चल रहे ADG अनुराग गुप्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मामले में हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा है. राज्यसभा चुनाव मामले से जुड़े एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. गौरतलब है कि एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका में राज्यसभा से जुड़े मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की गई है.

दर्ज प्राथमिकी के साथ-साथ सरकार के निलंबन से संबंधित आदेश को भी चुनौती

राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आरोपित एडीजी अनुराग गुप्ता जब हाईकोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने जगन्नाथपुर थाने में अपने ऊपर दर्ज प्राथमिकी के साथ-साथ सरकार के निलंबन से संबंधित आदेश को भी चुनौती दी थी. हाईकोर्ट में आवेदन देकर उन्होंने अपने ही खिलाफ सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया था. एडीजी अनुराग गुप्ता के आवेदन के आधार पर हाईकोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया था. शपथ पत्र के माध्यम से सरकार को केस संबंधित सभी तथ्य व केस की वर्तमान स्थिति से हाईकोर्ट को अवगत कराना है. इसे भी पढ़ें- बॉम्बे">https://lagatar.in/bombay-high-court-extends-arnabs-relief-in-trp-molestation-case-till-march-5/26697/">बॉम्बे

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करीब 12 महीने से निलंबित चल रहे हैं एडीजी अनुराग गुप्ता

एडीजी अनुराग गुप्ता करीब 12 महीने से निलंबित चल रहे हैं. बीते 14 फरवरी 2020 को सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया था. तब वे सीआइडी के एडीजी थे. उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है.  

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