अंखफोड़वा कांड के पीड़ितों को मुआवजा देगी सरकार : नीतीश कुमार
वरीयता सूची में सरकार अनदेखी कर रही है - वकील
हाईकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस डॉ एसएन पाठक की बेंच ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि महिला और पुरुषों के बीच भेदभाव संविधान का उल्लंघन है. अधिवक्ता सुभाशीष सोरेन ने जानकारी देते हुए बताया कि सुनवाई के दौरान प्रार्थी उर्मिला कच्छप और अन्य की तरफ से अदालत को यह जानकारी दी गई, कि जैप-10 की महिला बटालियन की सिपाहियों की प्रोन्नति के लिए बनने वाली वरीयता सूची में सरकार अनदेखी कर रही है. राज्य सरकार की ओर से सिपाहियों की प्रोन्नति के लिए पुरुष और महिला सिपाहियों की अलग-अलग वरीयता सूची बनाई गयी है, जो कि गलत है. वरीयता सूची में भेदभाव के कारण कई महिला सिपाही 50 वर्ष की उम्र में भी प्रोन्नति से वंचित हैं. प्रार्थी की ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को 6 सप्ताह के अंदर कम्बाइंड सीनियरिटी लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया है. इसे भी पढ़ें –पीएम">https://lagatar.in/after-pm-modi-akhilesh-attacked-yogi-today-said-he-knows-ganga-is-dirty-so-did-not-take-a-dip/">पीएममोदी के बाद आज योगी पर हल्ला बोला अखिलेश ने, कहा, वे जानते हैं गंगा गंदी है, इसलिए डुबकी नहीं लगाई [wpse_comments_template]
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