Chandwa : चंदवा शहर के तिलैयाटांड़ स्थित मदरसा खैरुल उलूम में गुरुवार की रात सालाना तालीमी मुजाहिरा व जलसा इसलाह- ए- मुआशरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता मौलाना मुफ्ती अब्दुल हकीम साहब नदवी ने की जबकि कार्यक्रम का संचालन मदरसा खैरुल उलूम के नाजिम मौलान रिजवान दानिश नदवी ने किया. जलसा की शुरुआत हजतर कारी वाहजुल हक साहब के द्वारा प्रस्तुत तिलावत ए कुरान पाक से हुआ. जलसा में मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों के द्वारा एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किए गए. बेहतर स्पीच, नात, तकरीर सुनाने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर नवाजा गया.
“अल्लाह के बताये रास्ते पर चलने से मिलेगी कामयाबी”
जलसे में पहुंचे मुख्य मोकररीर ए खुशुशी मौलाना मुस्तफीज रहमान नदवी आरा बिहार ने लोगों को तकरीर में बताया कि हिफ्जे कुरान की दौलत दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है. कुरान के पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों खुशनसीब हैं. वहीं उन्होंने कहा कि अल्लाह और उसके रसूल के बताएं मार्ग पर चलकर ही लोगों को कामयाबी मिल सकती है. हमें दुनियावीं तालीम के साथ साथ दीनी तालीम भी हासिल करनी चाहिए, जिससे दुनिया के साथ साथ आख़िरत की भी तैयारी हो सके.
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मौके पर तकरीर और नात सुनने को मिली
वहीं हरदिल अजीज शायर मौलाना बशीर अहमद, भोजपुर बिहार ने अपने सुरीली आवाज से लोगों को खुश कर दिया. उन्होंने नात सुनाते हुए कहा कि मस्जिद में वो मिलेगा मंदिर में वो मिलेगा, हिंदू का है वो ईश्वर मुस्लिम का है वो खुदा. जलसा में पहुंचे मेहमान मौलाना मो नसीम अनवर नदवी इटकी रांची, मौलाना अब्दुल हकीम नदवी रांची मुफ्ती मौलाना गुलाम सरवर लातेहार मुफ्ती अतीकुर्रहमान साहब के द्वारा भी अपने अपने तकरीर व नात सुनाई गई. जलसा को कामयाब बनाने में मदरसा के नाज़िम मौलाना रिजवान दानिश नदवी, डॉ शम्स राजा, हाफिज मो एहसान, हाजी तौफीक, हाजी शकील, मौलाना इरफान व मदरसा के उस्ताद व बच्चों का सराहनीय योगदान रहा. जलसा से पूर्व बाद नमाज मगरीब से इशा तक मदरसा के छोटे छोटे बच्चों का प्रोग्राम आयोजित किया गया था. जलसा में चंदवा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे.
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