Medininagar: पलामू में भी स्वास्थ्य विभाग एचएमपीवी वायरस को लेकर अलर्ट मोड में है. इसे लेकर सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता कर वायरस HMPV के बारे में पूरी जानकारी दी. बताया कि सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण अगर आए तो इसकी जांच करानी चाहिए. ये वायरस खांसने व छिकने से फैलता है. बताया कि यह वाइरस भी कोरोना वायरस जैसा है. इसको लेकर के जागरूक रहने की जरूरत है. इसका,लक्षण है बुखार आना, सर्दी खांसी छींक आना. ऐसा लक्षण किसी में पाया जा रहा है तो स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और जांच कराएं. साथ ही सीएस ने जागरूकता अभियान चलाने की बात कही. बता दें कि चीन में फैले वायरस HMPV को लेकर मुख्यालय के आदेश के बाद पलामू में भी स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू कर दी है.
क्या है HMPV वायरस?
HMPV एक रेस्पिरेट्री (श्वसन) वायरस है. HMPV पैरामाइक्सोविरीडे परिवार से संबंधित है और यह सभी मौसमों में हवा में मौजूद रहता है. ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है. इसके सर्दियों में अधिक फैलने का खतरा होता है. एचएमपीवी सबसे अधिक बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित कर रहा है.
कैसे फैलता है यह वायरस?
- – HMPV वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्तियों के खांसने और छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स से फैलता है.
- – गंदी सतहों या चीजों को छूने से भी फैलता है.
- – हाथ मिलाने से
- – किसी व्यक्ति को छूने से
- – नजदीकी संपर्क में आने से
- – मुंह, नाक या आंखों को छूने से
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण :
HMPV के संक्रमण के लक्षण सामान्यत : फ्लू या सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं और ये हल्के से लेकर गंभीर रूप में हो सकते हैं.
- – सर्दी और जुकाम (Cold and Runny Nose)
- – गले में खराश (Sore Throat)
- – खांसी (Cough)
- – बुखार (Fever)
- – सांस लेने में कठिनाई (Difficulty Breathing) : खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों में
- – सिरदर्द (Headache)
- – मांसपेशियों में दर्द (Muscle Aches)
- – चक्कर आना और थकान (Dizziness and Fatigue)
- – सांस लेने के रास्ते में खराश या रुकावट (Wheezing or congestion in the respiratory tract)
- – नाक का बहना या नाक का जाम हो (runny nose or nasal congestion)
HMPV वायरस से किसे अधिक खतरा?
- – 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
- – वृद्ध खासकर 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले
- – कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
- – अस्थमा या सीओपीडी जैसी श्वसन समस्याओं से ग्रसित लोग
कैसे करें बचाव :
- – हाथ धोना : संक्रमण से बचाव के लिए नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोना जरूरी है, खासकर भोजन करने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद.
- – चेहरे को छूने से बचें : खासकर नाक, मुंह और आंखों को छूने से बचें, क्योंकि यह वायरस इन्हीं माध्यमों से शरीर में प्रवेश करता है.
- – सर्दी और खांसी होने वाले लोगों से बनायें दूरी : HMPV संक्रमित व्यक्ति से सीधा संपर्क होने पर संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए खांसी या सर्दी के लक्षण वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें.
- – सफाई का खासव ख्याल रखें : घर और सार्वजनिक स्थानों पर सतहों और उपकरणों की नियमित सफाई करें, खासकर जो अक्सर छुए जाते हैं, जैसे दरवाजों के हैंडल, मोबाइल फोन और कंप्यूटर कीबोर्ड.
- – इम्यूनिटी बूस्ट करें : HMPV के लिए कोई विशिष्ट वैक्सीन नहीं है. हालांकि इम्यूनिटी बूस्ट कर आप खुद को इस वायरस से बचा सकते हैं. इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए स्वस्थ आहार और हेल्दी लाइफस्टाइल जरूरी है.
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