Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को घेरा. राय के एक तारांकित प्रश्न का सही उत्तर स्वास्थ्य मंत्री सदन में नहीं दे सके. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री को 21 दिसंबर को उक्त तारांकित प्रश्न का पुनः जवाब देने का निर्देश दिया. विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री से फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच राज्य के उन सूचीबद्ध अस्पतालों के संबंध में जानकारी मांगी, जिन्हें मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है. इसमें ब्रह्मानंद नारायण अस्पताल तामोलिया भी शामिल है. स्वास्थ्य मंत्री ने अपने जवाब में ब्रह्मानंद अस्पताल को उक्त योजना के तहत सूचीबद्ध बताया, जबकि विधायक सरयू राय का सवाल उक्त अस्पताल के फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच सूचीबद्ध होने की जानकारी मांगी थी. उक्त अवधि में ब्रह्मानंद अस्पताल उक्त योजना के तहत सूचीबद्ध नहीं था. लेकिन उसे सरकार ने योजना का लाभ प्रदान कर दिया.
विधायक ने स्वास्थ्य विभाग के दस्तावेज सदन में दिखाए
विधायक ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेज भी सदन में दिखाए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री को पुनः उक्त तारांकित प्रश्न का जवाब 21 दिसंबर को देने का निर्देश दिया. राय ने कहा कि इस अवधि में करीब एक दर्जन मरीजों की बीमारियों की चिकित्सा का लाभ ब्रह्यानंद अस्पताल सहित कई अन्य असूचीबद्ध अस्पतालों को मिला है. मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई 2020 के बाद इन अस्पतालों को सूचीबद्ध किया है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती दी और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इसकी जांच के लिए सदन की एक समिति बनाई जाए. इस प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि सिविल सर्जन, जमशेदपुर की ओर से पत्रांक 4232, दिनांक 14.12.2021 विभाग को एक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.
ऐसा मामला पूरे राज्य में होने की संभावना
इस पर राय ने कहा कि मेरे द्वारा सवाल पूछे जाने के बाद यह प्रतिवेदन सिविल सर्जन, जमशेदपुर से स्वास्थ्य विभाग ने मंगाया है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा मामला को दबाने और दोषियों को बचाने की मंशा का द्योतक है. राय ने सदन को बताया कि यह मामला केवल जमशेदपुर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ऐसा पूरे राज्य में होने की संभावना है, इसलिए इसकी विस्तृत जांच कराई जानी चाहिए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वस्तुस्थिति की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री 21 दिसंबर को सदन को दें.