Patna : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाडेय ने कहा है कि हमारी सरकार वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर नहीं निकालेगी. हम इस नीति के बिल्कुल खिलाफ हैं. मालूम हो कि पूरे देश में वैक्सीन अभियान शुरू हो चुका है. कई राज्यों ने 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीन की कमी होने के बाद ग्लोबल टेंडर्स मंगाईं हैं. लेकिन बिहार सरकार इसके खिलाफ है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने संकेत देते हुए कहा है कि बिहार में कोविड वैक्सीन की खरीदारी की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने बताया कि हमें एक करोड़ एक लाख टीके मिले हैं. रविवार तक 98 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं.
बाहर की कंपनियों ने अबतक नकारात्मक जवाब दिया है
1 मई से सभी 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए खोले गए टीकाकरण अभियान के बाद वैक्सीन की खुराक की कमी के बाद कई राज्यों ने घोषणा की कि वे अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं से सीधे टीके खरीदने की कोशिश करेंगे. अभी तक इस प्रक्रिया का कोई नतीजा नहीं निकल सका है. पंजाब सरकार ने स्पुतनिक वी, फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से वैक्सीन के लिए संपर्क किया था, लेकिन केवल मॉडर्ना ने जवाब दिया है, वह भी नकारात्मक.
पंजाब के प्रयास भी अबतक निष्फल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि केंद्र को इसे राज्यों पर छोड़ने के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के टीके आयात करने चाहिए. केंद्र की नई नीति राज्यों और निजी अस्पतालों को सीधे निर्माताओं से टीके खरीदने की अनुमति देती है. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने भी निविदाएं जारी की हैं, लेकिन पंजाब के प्रयासों की प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि यह काफी हद तक एक प्रतीकात्मक और निष्फल कदम है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों ने भी ग्लोबल टेंडर का विकल्प चुना है.
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