जान लें कि कृषि कानूनों के विरोध में 40 दिनों से धरना- प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच सात दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक नतीजा सिफर है. सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसानों के विरोध के संबंध में जमीन पर कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. इसे भी पढ़ें : प्रणब">https://lagatar.in/in-pranab-mukherjees-book-advised-to-pm-modi-should-listen-to-voice-of-opposition-the-presidential-years-hit-the-market/15601/">प्रणबSupreme Court today adjourned the hearing to January 11, while noting that "we understand the farmers` situation", during the hearing in a petition filed by a lawyer, seeking quashing of Centre`s three farm laws
— ANI (@ANI) January">https://twitter.com/ANI/status/1346701456905179136?ref_src=twsrc%5Etfw">January
6, 2021
मुखर्जी की किताब में पीएम को सलाह, मोदी को विपक्ष की आवाज सुननी चाहिए, द प्रेसिडेंसियल ईयर्स बाजार में आ गयी
निकट भविष्य में सरकार और किसान किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि इन मुद्दों पर सरकार और किसानों के बीच अच्छी बातचीत चल रही है. सुप्रीम कोर्ट से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि संभावना है कि निकट भविष्य में सरकार और किसान किसी निष्कर्ष पर पहुंच जायें. कहा कि नये कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली दलीलों पर केंद्र द्वारा प्रतिक्रिया दायर करने से किसानों और सरकार के बीच बातचीत में व्यवधान आ सकता है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी पीठ को जानकारी दी कि सरकार और किसानों के बीच स्वस्थ वातावरण में बातचीत चल रही है. आग्रह किया कि इन मामलों को आठ जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए. इसे भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर">https://lagatar.in/due-to-heavy-snowfall-jammu-and-kashmir-cut-off-from-the-world-all-flights-from-srinagar-canceled/15647/">जम्मू-कश्मीर: भारी बर्फबारी से जम्मू-कश्मीर देश-दुनिया से कटा, श्रीनगर से सभी उड़ानें रद्द