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कई बार हो चुकी है बातचीत
बता दें कि किसानों के द्वारा लगातार">https://lagatar.in/">लगातारतीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की जा रही है. इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के बीच कई बार बातचीत हुई है. लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए है. हालांकि, केंद्र सरकार के द्वारा भी ये उम्मीद रखी जा रही है कि किसानों को बातचीत के दौरान ही समझाया जा सके. बता दें कि 15 जनवरी को एक बार फिर किसान और सरकार के बीच बैठक होनी है. इसे भी पढ़ें -पीएम">https://lagatar.in/pm-modi-will-talk-to-cms-of-all-states-today-will-take-stock-of-preparation-for-vaccination/16878/">पीएम
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15 जनवरी को फिर होगी बैठक
बता दें कि कानून रद्द किये बिना किसान अपना आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं दिख रहे है. वहीं सरकार भी कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है इन्हे रद्द करने के लिए नहीं. आज प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. यह सुनवाई काफी अहम इसलिए भी मानी जा रही है क्यों कि 15 जनवरी को एक बार फिर बातचीत होनी है. इसे भी पढ़ें -रामगढ़ः">https://lagatar.in/ramgarh-17-year-old-boys-painful-death-in-selfie-affair/16862/">रामगढ़ःसेल्फी के चक्कर 17 वर्षीय लड़के की दर्दनाक मौत
सुनवाई 11 जनवरी तक स्थगित कर दी गयी थी
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों के प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है. जबकि, केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि मामले को सुलझाने के लिए किसानों के साथ उसकी सकारात्मक बातचीत चल रही है. सरकार ने यह भी कहा था कि दोनों पक्षों के बीच जल्द ही सभी मांगों पर आम सहमति बनने की उम्मीद है. इसके बाद ही शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई 11 जनवरी तक स्थगित कर दी थी. इसे भी पढ़ें -ओरमांझी">https://lagatar.in/ormanjhi-massacre-chanhos-family-claims-our-daughters-dead-body-police-took-dna-sample/16874/">ओरमांझीहत्याकांड: चान्हो के परिवार का दावा – हमारी बेटी का है शव, पुलिस ने लिया DNA सैंपल

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