Ranchi: हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (एचईसी) अपनी आखिरी दम ले रहा है. लगभग 22 महीनों से एचईसी के कर्मियों का वेतन बकाया है, जिसको लेकर वे आंदोलनरत हैं. इस बीच एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार एचईसी को 200 करोड़ का वर्क आर्डर मिलने वाला है. पिछले दिनों एचईसी के सीएमडी कोप्पु सदाशिव मूर्ति (जो भेल के भी सीएमडी है) ने रांची में एचईसी के मजदूर यूनियन, ऑफिसर एसोसिएशन से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होने भेल के क्रेन के लिए 200 करोड़ का वर्क आर्डर देने कि बात भी कही है. जानकारी के अनुसार भेल इसके लिए कार्य पूंजी देगी. वहीं जो भी प्रोफ़िट होगा, उसे एचईसी को दिया जाएगा.
रीकन्डिशन में लगभग 10 करोड़ खर्च होने का अनुमान
एचईसी में कई दिनों से काम बंद है, जिसके कारण मशीनें धूल फांक रही है. एचईसी के कर्मचारियाें में चर्चा है कि भेल से जो वर्क आर्डर मिलेगा उसे बनाने के लिए फ़ैब्रिकेशन और क्रेन मशीन की आवश्यकता होगी. वहीं सालों से बंद पड़ी मशीनों को दोबारा काम लायक बनाने के लिए रीकन्डिशन में लाना होगा. जिसके लिए ऑइलिंग, ग्रीसिंग और रख-रखाव में लगभग 10 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
फिर बहुरेंगे दिन
200 करोड़ का वर्क आर्डर मिलने से एचईसी के दिन दोबारा बहुर सकते हैं. इस काम को अगर ससमय पूरा कर देता है तो और भी बड़े वर्क आर्डर मिलने की संभावना है, जिससे एचईसी के खुद काम करके अपने ऊपर की लायबिलिटी कम कर सकता है. वहीं एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति ने 70 वे दिन भी आंदोलन जारी रखा. वेतन भुगतान, सप्लाई मजदूरों का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू समेत अन्य मांगों के साथ एचईसी मुख्यालय के सामने आंदोलनरत रहे. वहीं होली के बाद दोबारा मजदूर कैंटिन की शुरुआत की गई.